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उत्तराखंड: पहाड़ में 26 तो मैदानी इलाकों में 25 को मनाई जाएगी होली, जानें कारण

@शब्द दूत ब्यूरो (14 मार्च, 2024)

उत्तराखंड के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में इस बार भी होली पर्व अलग-अलग मनाया जाएगा। इस बार भी यही स्थिति पैदा हो रही है। अलग-अलग पंचांग होने के कारण होली अलग-अलग तिथियों में मनाई जाएगी। उत्तराखंड में भाष्कर और रामदत्त के पंचाग के अनुसार अधिकांश विद्वतजनों ने बताया कि 20 को रंग और चीर बंधन होगा और होली (छरड़ी) मंगलवार 26 मार्च को मनाई जाएगी। वहीं हल्द्वानी में काशी विश्व पंचाग के अनुसार कुछ विद्वानों ने बताया कि होली सोमवार 25 मार्च को होगी।

भाष्कर और रामदत्त के पंचाग के अनुसार अधिकांश ज्योतिषों ने बताया कि रविवार 17 मार्च को दुर्गाष्टमी के साथ होलाष्टक प्रारंभ होंगे। इसी दिन महाकाली मंदिर गंगोलीहाट में चीर बंधन होगा। जबकि कुमाऊं में सभी जगहों पर चीर बंधन और रंग बुधवार 20 मार्च को पड़ेगा। इसी दिन ध्वजारोहण, आमलकी एकादशी व्रत और पूजन होगा। ज्योतिषियों के मुताबिक 20 मार्च को दोपहर 1:20 बजे से पहले रंग धारण किया जा सकता है। उसके बाद भद्रा शुरू हो जाएगी। ज्योतिषियों का कहना है कि होलिका दहन और पूर्णिमा व्रत रविवार 24 मार्च को होगा। होली (छरड़ी) काशी में 25 मार्च को और कुमाऊं में मंगलवार 26 मार्च को मनाई जाएगी। दंपती टीका 27 मार्च को होगा। कुमायूं के प्रतिष्ठित पंचांग गणेश मार्तण्ड और श्री तारा पंचांग में भी यही निर्णय है।

24 मार्च को प्रदोष काल में भद्रा होने के कारण भद्रा पुच्छ में होलिका दहन किया जा सकता है। ज्योतिषों के अनुसार इस दिन प्रदोष काल सायं 6:34 से 7:55 बजे तक है। अतः इस समय होलिका दहन करना श्रेयस्कर है। भद्रा उसी रात 11:14 बजे से समाप्त हो जाएगी।

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