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प्रयागराज में गंगा का जलस्‍तर बढ़ने के साथ ही बाहर आने लगे दफनाए गए शव

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो

मानसून के आगमन के साथ ही उत्‍तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी के बढ़ते जलस्‍तर ने प्रशासन के सामने नई चुनौती पेश कर कर दी है। उसे रेत में दफनाए गए शवों की समस्‍या से जूझना पड़ रहा है। संदेह है कि ये शव उन लोगों के हैं जिनकी मौत कोरोना से हुई। जैसे-जैसे जल स्‍तर बढ़ रहा है, रेत के किनारे उखड़ रहे हैं और शव पानी में तैर रहे हैं। स्‍थानीय पत्रकारों के द्वारा प्रयागराज के विभिन्‍न घाटों पर मोबाइल से खींचे गए वीडियो/तस्‍वीरों में नगर निगम की टीम को शव बाहर निकालते  हुए देखा जा सकता है।

एक फोटो में शव को नदी के किनारे पर देखा जा सकता है। भगवा रंग के कफन से बाहर आ रहे इस शव के हाथ में सफेद रंग का सर्जिकल ग्‍लव्‍ज भी नजर आ रहा है। शव को प्रयागराज म्‍युनिसिपल कार्पोरेशन की टीम ने बाहर निकाला। ए‍क अन्‍य घाट के वीडियो में टीम के दो सदस्‍यों को कफन से ढंका शव निकालकर उसे किनारे की रेत पर रखते हुए दिखाया गया है। प्रयागराज म्‍युनिसिपल कार्पोरेशन के जोनल ऑफिसर नीरज सिंह ने बताया कि वे पिछले 24 घंटों में 40 शवों का अंतिम संस्‍कार करवा चुके हैं। उन्‍होंने बताया, ‘हम पूरे अनुष्‍ठानों और विधि-विधान के साथ शवों का अंतिम संस्‍कार करवा रहे हैं।’  

एक मृत व्‍यक्ति के शव के मुंह में ऑक्‍सीजन ट्यूब देखे जाने संबंधी सवाल पर उन्‍होंने माना कि ऐसा लगता है कि मौत के पहले यह शख्‍स बीमार होगा। उन्‍होंने कहा, ‘आप देख सकते हैं कि यह शख्‍स बीमार था और परिवार इस व्‍यक्ति को यहां छोड़ गया होगा। संभवत: वे डर गए होंगे।’ सभी शव ‘डिकम्‍पोज’ नहीं हुए हैं, उन्‍होंने कहा कि कुछ शवों की स्थिति बताती है कि इन्‍हें हाल ही में दफनाया गया है।

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