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क्या फिर से ‘लॉक’ हो जाएगी देश की राजधानी?

@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो

देश में जहां एक तरफ महाराष्ट्र कोरोना वायरस का केंद्र माना जा रहा है वहीं दूसरी तरफ देश की राजधानी में भी लगातार कोरोना पैर पसार रहा है। कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद पहली बार दिल्ली में 10,000 से ज्यादा नए मामले पाए गए हैं। जिसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चेतावनी दी कि अगर स्थानीय लोगों ने सावधानी न बरती और सरकार को सहयोग ना दिया तो कोविड संक्रमितों की संख्या में और इजाफा होगा। साथ ही कहा कि अगर दिल्ली के सब कोविड बेड फुल हो गए तो राजधानी में फिर से लॉकडाउन लगाना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हूं। मुझे लगता है कि लॉकडाउन कोरोना का समाधान नहीं है, लेकिन इसे किसी भी सरकार को तब लगाना चाहिए जब सारे अस्पताल फुल हो जाए। लॉकडाउन की वजह से बीमारी के प्रसार की गति कम हो जाती है। यदि आप सब सहयोग करते हैं और अस्पताल की सुविधाएं नियंत्रण में रहती हैं, तो हमें दिल्ली में लॉकडाउन नहीं लगाना पड़ेगा।’

सीएम केजरीवाल ने हल्के या बिना किसी लक्षण के लोगों से अस्पतालों में भर्ती होने से बचने का आग्रह किया है, जिससे जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं उन्हें इलाज मिल सके। उन्होंने कहा ‘अस्पताल की सुविधा केवल तभी लें जब आपको वास्तव में इसकी जरूरत हो। अगर हर कोई अस्पतालों की ओर भागना शुरू कर देता है, तो हमें बेड, वेंटिलेटर और आईसीयू की कमी हो जाएगी।’

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पीएम मोदी को एक पत्र लिख कर वैक्सीन पर से सभी रोक को हटाने का भी आग्रह किया है। जिससे वैक्सीन की डोज 45 साल से कम उम्र के लोगों को भी दी जा सके। वहीं सीएम ने बताया कि उन्होंने कई बार केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि वैक्सीन प्रक्रिया पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटाया जाना चाहिए। साथ ही कहा कि दिल्ली सरकार खुद प्रत्येक घर में जाएगी और लोगों को टीका लगाएगी।

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