प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत पीएम हाउसिंग फंड में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि डीएचएफएल के निदेशकों ने फर्जी होम लोन खातों के जरिये हजारों करोड़ के इस घोटाले को अंजाम दिया। डीएचएफएल की माली हालत पहले ही खराब है और तमाम वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों से कंपनी जूझ रही है।
इसके साथ ही सीबीआई ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रमोटरों कपिल वधावन और धीरज वधावन के खिलाफ केस दर्ज किया। ये दोनों पहले ही मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो के अनुसार, कपिल और धीरज वधावन ने फर्जी और संदिग्ध होम लोन खाते बनाए, जो करीब 11 हजार 755 करोड़ रुपये के थे। इन फर्जी होम लोन खातों के आधार पर करीब 1880 करोड़ रुपये की सरकार की ओर से सब्सिडी हड़प कर ली गई। प्रधानमंत्री आवास योजना एक केंद्रीय योजना है, जो अक्टूबर 2015 में शुरू हुई थी। इस योजना के जरिये सरकार सभी को आवास देने का लक्ष्य हासिल करने की कोशिश कर रही है।
सीबीआई के अनुसार, दिसंबर 2018 में डीएचएफएल ने निवेशकों को बताया कि उसने पीएमएवाई के तहत 88,651 होम लोन को आगे बढ़ाया है और उसे 539 करोड़ रुपये सब्सिडी के तौर पर प्राप्त हुए हैं और 1347 करोड़ रुपये और मिलने बाकी हैं। हालांकि फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि कपिल औऱ धीरज वधावन ने 2.6 लाख फर्जी होम लोन खाते डीएचएफएल की बांद्रा ब्रांच में खोले गए। वर्ष 2007 से 2019 के बीच इन खातों के जरिये 14,046 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया।
यह घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच अंजाम दिया गया, जब यस बैंक ने डीएचएफएल के लघु अवधि के डिबेंचर में 3700 करोड़ रुपये निवेशित किए थे। बदले में वधावन बंधुओं ने कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये की रिश्वत कपूर फैमिली को दिए। ये रकम डू इट अर्बन वेंचर्स को लोन के तौर पर दी गई। यह कंपनी कपूर की पत्नी और बेटियों द्वारा नियंत्रित थी। वधावन बंधुओं को पिछले साल सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।