@शब्द दूत ब्यूरो
उत्तर प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज पर नियमों की अनदेखी कर अपनी मर्जी से दाखिला करने पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में यूपी के सरस्वती मेडिकल कॉलेज पर नियमों की अनदेखी करअपनी मर्जी से सत्र 2017-18 में 136 छात्रों का दाखिला लेने पर पांच करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की रकम का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेज में दाखिले के इच्छुक जरूरतमंद छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में होगा।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रवींद्र भट्ट की पीठ ने सरस्वती एजुकेशन ट्रस्ट की याचिका खारिज करते हुए कहा कि कॉलेज द्वारा जानबूझकर नियमों की अनदेखी करने को माफ नहीं किया जा सकता, हालांकि यह देखते हुए कि छात्रों ने एमबीबीएस द्वितीय वर्ष को पूरा कर लिया है इसलिए उनके दाखिले को रद्द करना उचित नहीं होगा। लिहाजा पीठ ने कानपुर के छत्रपति शिवाजी महाराज विश्वविद्यालय से इन छात्रों ले परीक्षा आयोजित करने के लिए कहा है और कहा है कि उनके तीन अकादमिक सत्रों की रक्षा की जानी चाहिए।
पीठ ने नेशनल मेडिकल कमीशन को एक ट्रस्ट का गठन करने के लिए कहा है, जिसके जरिए जुर्माने की रकम का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश में मेडिकल कॉलेज में दाखिले के इच्छुक जरूरतमंद छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में की जा सके। अदालत ने आदेश दिया है कि कमीशन 12 हफ्ते में एक्शन टेकन रिपोर्ट भी दाखिल करे।