@शब्द दूत ब्यूरो
नई दिल्ली। टूलकिट मामले में आरोपी दिशा रवि को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जमानत दे दी है। जमानत देते वक्त कोर्ट ने पुलिस के सभी आरोपों और दावों के खारिज़ कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पुलिस के अधूरे सबूतों के मद्देनजर ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि 22 साल की लड़की को जेल में रखा जाए, जबकि उसका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। व्हाट्सऐप ग्रुप बनाना, टूल किट एडिट करना अपने आप में अपराध नहीं है। महज व्हाट्सऐप चैट डिलीट करने से पीजेएफ संगठन से जोड़ना ठीक नहीं। ये ऐसा सबूत नहीं है, जिससे अलगाववादी सोच साबित हो।
कोर्ट ने कहा कि टूलकिट या उसके हाईपर लिंक में देशद्रोह जैसी कोई सामग्री नहीं। सरकार से किसी बात कर सहमत न होने पर किसी को देशद्रोह के आरोप में जेल में नहीं डाला जा सकता। लोकतांत्रिक देश में अपनी बात रखने का हर किसी को मौलिक अधिकार है। असंतोष का अधिकार दृढ़ता में निहित है। जिसमें बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में ग्लोबल ऑडियन्स की तलाश का अधिकार शामिल है। संचार पर कोई भौगोलिक बाधाएं नहीं हैं। एक नागरिक के पास कानून के अनुरूप संचार प्राप्त करने के सर्वोत्तम साधनों का उपयोग करने का मौलिक अधिकार है। ये समझ से बाहर है कि प्रार्थी ने अलगाववादी तत्वों को वैश्विक प्लेटफॉर्म कैसे दिया।