@शब्द दूत ब्यूरो
कृषि कानून को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी हैं। आंदोलनकारी किसानों ने दोटूक अंदाज में कहा है कि सरकार को इन कानूनों को तुरंत रद्द करना चाहिए और जब तक कानून को खत्म नहीं किया जाएगा, प्रदर्शन जारी रहेगा। इस बीच पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने किसानों के समर्थन में उतरते हुए विरोध स्वरूप अपना पद्म विभूषण अवार्ड लौटा दिया है।
बादल ने कहा, ‘केंद्र सरकार किसानों के साथ छल कर रही है।’ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने भी कृषि कानूनों को लेकर विरोध जताते हुए ‘पद्म भूषण’ लौटाने की घोषणा की है। उन्हें वर्ष 2019 में यह अवार्ड दिया गया था। वे इस बारे में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखेंगे। इस बीच, पंजाब के किसान नेताओं ने कृषि कानूनों के विरोध में ‘पद्म विभूषण’ लौटाने के पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल की फैसले की सराहना की है।
किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द संसद का आपातकालीन सत्र बुलाए और उसमें तीनों नए कृषि कानूनों की जगह नया बिल लाए। तीनों नए कानूनों को विवादित कानून बताकर किसान सितंबर से ही आंदोलनरत हैं। उधर, दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों की बढ़ती तादाद के बीच ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करते हुए उत्तर भारत में आठ दिसंबर से परिचालन बंद करने की धमकी दी है। एआईएमटीसी लगभग 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और अन्य संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने का दावा करती है।






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