नई दिल्ली। आर बी आई के अनुरोध पर केन्द्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर के बैैंक को सरकार ने मोराटोरियम में डाल दिया है। इस बैंक से 16 दिसंबर तक खाताधारक 25 हजार रुपए से अधिक की निकासी नहीं कर सकते हैं। यह जानकारी वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई है। बता दें कि इससे पहले यस बैंक और पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था।
बी आर एक्ट की धारा 45 के तहत आरबीआई के आवेदन पर यह पाबंदी लगायी गयी है। मोराटोरियम लागू रहने तक बैंक जमाकर्ता को 25 हजार रुपए से अधिक का भुगतान नहीं कर सकता है। लेकिन वाजिब जरूरत जैसे जमाकर्ता के इलाज, उच्च शिक्षा की फीस, शादी जैसे कार्यों के लिए जमाकर्ता 25 हजार रुपए से अधिक निकाल सकते हैं लेकिन रिजर्व बैंक से पहले इसके लिए अनुमति लेनी होगी।
पिछले तीन वित्तीय वर्ष से लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय स्थिति खराब चल रही थी। बैंक की दिक्कतें तब शुरू हुई जब 2019 में रिजर्व बैंक ने इंडिया बुल्स हाउजिंग फाइनेंस के साथ मर्जर के इसके प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। सितंबर में शेयरहोल्डर्स की ओर से सात डायरेक्टर्स के खिलाफ वोटिंग के बाद रिजर्व बैंक ने नकदी संकट से जूझ रहे प्राइवेट बैंक को चलाने के लिए मीता माखन की अगुआई में तीन सदस्यों वाली कमिटी का गठन किया था।