@शब्द दूत ब्यूरो
नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सीमा पर टकराव की वजह से वहां किसी भी तरह की बड़ी सैन्य कार्रवाई की इजाजत फिलहाल नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसी भी हाल में नियंत्रण रेखा में बदलाव को मंजूरी नहीं दी जा सकती। जनरल रावत ने कहा, “लद्दाख में भारतीय सैनिकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के दुस्साहस की वजह से अप्रत्याशित परिणामों का सामना करना पड़ा। हमारी पोजीशन पर कोई सवाल नहीं है। हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में किसी भी बदलाव को स्वीकार नहीं करेंगे।’
जनरल रावत ने कहा कि भारत और चीन ने मई में शुरू हुए लद्दाख में गतिरोध को हल करने के लिए सात दौर की सैन्य वार्ता की है। यह गतिरोध जून में तब और बढ़ गया जब गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ शारीरिक संघर्ष में देश के 20 जवानों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि अगस्त में, चीनी सैनिकों ने उन भारतीय सैनिकों पर हमले की कोशिश थी जो पैंगोंग त्सो झील के पास की ऊंची पहाड़ियों पर मुस्तैद थे। दशकों में पहली बार वहां हवाई गोलीबारी की गई थी।