बिहार में इसी माह होने वाले विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान, सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं। ऐसे में डैमेज कंट्रोल में लगे बीजेपी के थिंकटैंक का मानना है कि प्रशांत किशोर इन सब के पीछे हैं। बता दें कि पिछले चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के लिए चुनावी सफलता में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का भी बड़ा हाथ माना जाता है।
जेडीयू यह मानने को तैयार नहीं है कि बीजेपी नेताओं के ‘आशीर्वाद’ के बिना चिराग पासवान ऐसा कर सकते हैं। चिराग ने हाल ही में उकसाने वाला एक और कदम उठाते हुए अपने पिता और एलजेपी के वरिष्ठ नेता रामविलास पासवान की मौत के बाद ‘समर्थन’ के लिए पीएम मोदी को एक ट्वीट के जरिये धन्यवाद दिया। खास बात यह है कि इस ट्वीट में बिहार में एनडीए के सीएम पद के चेहरे नीतीश कुमार का जिक्र नहीं है। चिराग पासवान को सार्वजनिक तौर पर ‘खरीखोटी’ नहीं कहने के लिए बिहार के बीजेपी नेताओं को अपने सहयोगी जेडीयू की आलोचना सुननी पड़ रही है। बीजेपी का मानना है कि प्रशांत किशोर इस मामले में चिराग को सलाह दे रहे हैं। वे चिराग पासवान की ओर से अब तक उठाए गए कदमों में पीके यानि प्रशांत किशोर की ‘छाप’ देख रहे हैं।
हालांकि प्रशांत किशोर फरवरी से अपने गृह राज्य बिहार में नहीं हैं, लेकिन सुशील मोदी जैसे बीजेपी नेताओं का मानना है कि नीतीश कुमार की परेशानियों में इजाफा करने के लिए चिराग उन्ही की सलाह पर काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को नंबर दो की हैसियत से जेडीयू में शामिल कराया था लेकिन बाद में विभिन्न मुद्दों पर प्रशांत किशोर के सार्वजनिक रूप से निशाना साधने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया था।
प्रशांत किशोर ने इस बात से साफ इनकार किया है कि मौजूदा हालात के लिए वे जिम्मेदार हैं। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा, ‘पहले तो बिहार के मौजूदा विधानसभा चुनावों की राजनीति से मुझे कुछ लेना-देना नहीं है। दूसरी बात यह कि मेरी चिराग के साथ पिछली मुलाकात नीतीश कुमार के घर में उनकी मौजूदगी में हुई थी।’
प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि बीजेपी दोष मढ़ने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, ‘यह नीतीश कुमार को ‘मूर्ख बनाने’ की बीजेपी की सोचीसमझी रणनीति है। क्या बीजेपी के नेता यह स्पष्टीकरण दे सकते हैं कि चिराग के साथ सीट शेयरिंग की बात कौन कर रहा था? क्या ये अमित शाह और जेपी नड्डा नहीं थे? यह क्या तथ्य नहीं है कि चिराग की अपने फैसले के पहले अमित शाह और नड्डा के साथ कई बैठक हुई थीं?’ प्रशांत किशोर ने पूछा, बिहार के कई बीजेपी के नेताओं के चिराग पासवान के साथ जुड़ने वे अभी भी एनडीए से बाहर क्यों नही हैं?



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