राजस्थान में कांग्रेस के बीच मची आंतरिक कलह का पटाक्षेप हो चुका है। बीते सोमवार राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात भी की थी। जिसके बाद वह एक बार फिर कांग्रेस के हाथ से हाथ मिलाते हुए नजर आए। बता दें कि राजस्थान में आज से विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है यानी एक ओर गहलोत सरकार के एजेंडों में कई बिलों को पास कराना होगा, तो वहीं सियासी संग्राम भी शुरू होने वाला है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है।
नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा, ‘हम अपने सहयोगी दलों के साथ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं।’ बीजेपी द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की खबरों के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘हम खुद विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाएंगे।’
विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बड़ी राहत मिली है। बीएसपी से कांग्रेस में शामिल होने वाले 6 विधायक विधानसभा सत्र में भाग ले सकेंगे। राजस्थान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल बीएसपी विधायकों के कांग्रेस में विलय के स्पीकर के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में फिलहाल हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है और ऐसे में शीर्ष अदालत दखल नहीं देगी।
गहलोत ने कहा, ‘हम खुद विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाएंगे। जिन विधायकों को कोई समस्या है, जो रूठे हैं वो मुझसे अकेले आकर मिल सकते हैं।’ इसके पीछे गहलोत का संदेश बीती बातों यानी कड़वाहट को भुलाकर आगे बढ़ने का रहा।
बता दें कि राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र से एक दिन पहले हुई बैठक में पर्यवेक्षक और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट की मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और मुस्कुराए। पायलट इस बैठक के लिए मुख्यमंत्री गहलोत के आधिकारिक आवास पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री आवास पर अशोक गहलोत के खिलाफ पूर्व में बागी तेवर अपनाने वाले अन्य विधायक भी पहुंचे थे। बैठक के लिए गहलोत खेमे के विधायकों को होटल से मुख्यमंत्री आवास ले जाया गया। केसी वेणुगोपाल की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक आयोजित हुई।