@शब्ददूत ब्यूरो
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रिजस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) को लेकर अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शन हुए हैं। अभी पूरे देश में एनआरसी लागू नहीं हुआ है लेकिन लोगों के बीच देश भर में एनआरसी लागू किये जाने के संभावित प्रपोजल को लेकर भी हंगामा मचा है। अब खबर यह है कि एनडीए में शामिल तीन सियासी दल एनआरसी और सीएए को लेकर लोगों में भरे खौफ की वजह से केंद्र सरकार से नाखुश हैं। इन तीनों दलों में अकाली, लोक जनशक्ति पार्टी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जनता दल यूनाइटेड शामिल हैं। इस बीच अब जनता दल यूनाइटेड ने बीजेपी से मांग की है कि वो एनडीए में शामिल अन्य घटक दलों की एक मीटिंग बुलाए।
इस बैठक में एनआरसी पर आम जनता की प्रतिक्रियाएं और उनकी चिंताओं को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल कई घटक दलों ने एनआरसी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। अगर एनडीए की बैठक बुलाई जाती है तो जेडीयू इसका स्वागत करेगी। सीएए को लेकर हो रहे विरोध के बीच ताजा हालात पर यह मीटिंग काफी महत्वपूर्ण है।’ जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि ‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा और हम एनआरसी के खिलाफ हैं।’
भारतीय जनता पार्टी के एक सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी ने भी केंद्र सरकार से मांग की है कि एनआरसी को लेकर लोगों के बीच जो डर का माहौल है सरकार उसको खत्म करे और लोगों के पास जाए। पार्टी प्रमुख चिराग पासवान ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ‘जो लोग भी एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं उनको लेकर सरकार की यह जिम्मेदारी है कि सरकार उन्हें विश्वास में ले।केंद्र में गठबंधन का साथी होने की वजह से लोक जनशक्ति पार्टी मांग करती है कि केंद्र सरकार प्रदर्शनकारियों से संवाद करे और उनकी बातों को सुने।’