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आर्थिक मोर्चे पर झटका, आरबीआई ने जीडीपी ग्रोथ रेट 1.1% घटाया

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं की है। केंद्रीय बैंक ने दूसरी तरफ जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया।  रिजर्व बैंक के फैसले के बाद रेपो रेट 5.15, रिवर्स रेपो रेट 4.90 फीसदी और बैंक रेट 5.40 फीसदी है।

केंद्रीय बैंक मौजूदा वित्त वर्ष में अब तक पांच बार रेपो रेट में कटौती की घोषणा कर चुका था। अनुमान लगाया जा रहा था कि आरबीआई इस बार भी रेपो रेट में कटौती कर सकता है। केंद्रीय बैंक के फैसले के बाद से एक बार फिर ईएमआई कम होने, बैंक से घर या गाड़ी खरीदने के लिए लोन लेने की उम्मीदों को झटका लगा है।

इस वित्त वर्ष में अपनी पांचवी द्विवार्षिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई ने कहा, ‘मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) का मानना है कि भविष्य में जरूरत के अनुसार मौद्रिक नीति में लचीलेपन की गुंजाइश है। समिति के सभी छह सदस्यों ने आम राय से रेपो रेट में कटौती नहीं करने का फैसला किया गया। आरबीआई फरवरी से अक्टूबर 2019 के बीच रेपो रेट में 135 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर चुका है।’

आरबीआई ने मौजूदा वित्‍त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए खुदरा महंगाई दर का अनुमान बढ़ाकर 4.7-5.1 फीसदी कर दिया है।पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार इस साल जुलाई से सितंबर के बीच देश की सकल घरेलू विकास (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर 4.5 फीसदी के स्तर पर रह गई। जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार में भी चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 0.5 फीसद की गिरावट दर्ज की गई। आरबीआई की तरफ से अब 6 फरवरी 2020 को मौद्रिक नीति की समीक्षा की जाएगी।

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