@शब्द दूत ब्यूरो (06 अक्टूबर 2025)
काशीपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा मनाए जाने वाले छह प्रमुख उत्सवों में से एक विजय दशमी उत्सव का आयोजन रविवार को काशीपुर में बड़े उत्साह और गरिमा के साथ किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख संजय उपस्थित रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव राव हेडगेवार द्वारा किए गए राष्ट्रनिर्माण कार्यों का उल्लेख करते हुए संघ की 100 वर्ष की यात्रा और उसके मूल उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि संघ शताब्दी वर्ष में राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को पाँच प्रमुख परिवर्तनों — कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्व की अनुभूति और नागरिक कर्तव्य — को अपने जीवन में उतारना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हर नागरिक के जीवन में भोजन, भवन, भाषा, भूषा और भूषण में स्व की भावना झलकनी चाहिए। संजय जी ने कहा कि आज देश का हिंदू समाज जागृत हो रहा है, अपने अधिकारों और राष्ट्र की उन्नति के लिए प्रयासरत है, जो कि भारत के उज्ज्वल भविष्य का शुभ संकेत है।
अपने वक्तव्य में उन्होंने संघ की स्थापना के ऐतिहासिक प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया कि 1925 की विजय दशमी को नागपुर में जब 17 देशभक्तों ने भारत माता की अखंड स्वतंत्रता का संकल्प लिया, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यह छोटी सी शुरुआत एक दिन राष्ट्रव्यापी आंदोलन में परिवर्तित हो जाएगी। डॉ. हेडगेवार जी के नेतृत्व में संघ ने समाज में संगठन, सेवा और संस्कार का भाव स्थापित किया।
उन्होंने कहा कि आज जब संघ अपने शताब्दी वर्ष की ओर बढ़ रहा है, तब पूरा हिंदू समाज संघ के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। उन्होंने महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष के हालिया बयान की आलोचना करते हुए कहा कि “राम में रावण देखने” वाली मानसिकता आज भी कुछ लोगों में बनी हुई है, लेकिन अब सत्य और राष्ट्रभक्ति के मार्ग पर चलने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। उन्होंने केरल के पूर्व डीजीपी और ईसाई समुदाय से आने वाले जैकब थॉमस का उदाहरण देते हुए कहा कि जब वे भी स्वयं को संघ का स्वयंसेवक बताने लगे हैं, तो यह दर्शाता है कि संघ की विचारधारा राष्ट्र के उत्थान के लिए सर्वस्वीकृत हो रही है।
कार्यक्रम के उपरांत काशीपुर नगर में भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। नगर के 17 स्थानों से स्वयंसेवक संचलन करते हुए रामलीला मैदान में एकत्र हुए। इसके बाद संचलन चीमा चौराहा, माता मंदिर रोड, मेंन मार्केट, डॉक्टर लाइन, नगर निगम मार्ग से होता हुआ पुनः रामलीला मैदान में संपन्न हुआ। मार्ग में नगर निगम, विभिन्न सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर ज़िला प्रचारक सौरभ , नगर प्रचारक जगदीश , विभाग व्यवस्था प्रमुख अजय , विभाग सेवा प्रमुख अरविंद , ज़िला सह कार्यवाह सुमित, ज़िला गो सेवा प्रमुख महेश, ज़िला प्रचार प्रमुख प्रेमसिंह, जिला सम्पर्क प्रमुख सुनील , ज़िला व्यवस्था प्रमुख शलभ , परिवार प्रबोधन प्रमुख महेंद्र , मार्ग प्रमुख प्रशांत, नगर संघचालक अमित , नगर कार्यवाह आदर्श , नगर सह कार्यवाह सुरेंद्र , नगर प्रचार प्रमुख शशि पाल , नगर व्यवस्था प्रमुख यतेन्द्र , नगर बौद्धिक प्रमुख योगेंद्र सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और नागरिक उपस्थित रहे।
राजनीतिक क्षेत्र से क्षेत्रीय महापौर दीपक बाली तथा पूर्व संगठन मंत्री संजय भी कार्यक्रम में शामिल हुए। पूरे नगर में संघ के इस पथ संचलन ने एकता, अनुशासन और राष्ट्रभावना का प्रेरक संदेश दिया।
विजय दशमी उत्सव का यह आयोजन न केवल राष्ट्रभक्ति और सेवा भावना का प्रतीक बना, बल्कि संघ के शताब्दी वर्ष की दिशा में समाज को संगठित करने का संकल्प भी पुनः दोहराया गया।
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