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ज्वलंत मुद्दा :जानलेवा कफ सीरप कांड कलंक से कम नहीं, वरिष्ठ पत्रकार राकेश अचल की बेबाक कलम से

@राकेश अचल

मध्य प्रदेश और राजस्थान में ‘जानलेवा’ कफ सिरप पीने से 11 बच्चों की मौत के बाद अब केरल सरकार ने राज्य में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है. लेकिन मप्र और राजस्थान के संबंधित मंत्रियों ने न इस्तीफा दिया और न किसी ने उनसे इस्तीफा मांगा,क्योंकि गरीब बच्चों की मौत इन डबल इंजन की सरकारों कै लिए कोई मायने नहीं रखतीं.जबकि ये मामला किसी कलंक से कम नहीं है.

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज के मुताबिक ये फैसला अन्य राज्यों से मिली रिपोर्टों के आधार पर लिया गया है, जिनमें सिरप के एक संदिग्ध बैच को लेकर चिंता जताई गई थी.स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि ये दवा राज्य में 8 वितरकों के माध्यम से बेची जा रही थी, और सभी केंद्रों को तुरंत वितरण और बिक्री बंद करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसके अलावा मेडिकल स्टोर्स में भी कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री रोकने के आदेश दिए गए हैं. मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि राज्य में व्यापक निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है. कोल्ड्रिफ सिरप के सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजे गए हैं. साथ ही अन्य कफ सिरप्स के भी सैंपल जांच के दायरे में लाए गए हैं.

मध्य प्रदेश और राजस्थान में 11 बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ सिरप पर संदेह जताया गया था. कांग्रेस नेता कमलनाथ ने दावा किया था कि इन मौतों की वजह कफ सिरप में ‘ब्रेक ऑयल सॉल्वेंट’ की मिलावट हो सकती है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 9 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई थी, जबकि राजस्थान में 2 बच्चों की मौत हुई थी. इसके बाद मध्य प्रदेश के साथ ही तमिलनाडु में भी कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी गई है.

कफ सिरप से छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत होने के मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने खांसी की एक दवा की बिक्री और इसके डिस्ट्रीब्यूशन पर तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया है। इस दवा में जहरीला रसायन पाया गया है और इसकी वजह से ही राज्य के छिंदवाड़ा जिले में बच्चों की मौत हो चुकी है।राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक कार्यालय ने पूरे मध्य प्रदेश के ड्रग्स इंस्पेक्टर्स को आदेश दिया है कि कंपनी श्रेसन फार्मास्यूटिकल द्वारा बनाई गई कोल्डरिफ सीरप की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन तुरंत बंद करवाया जाए।
राज्य की मोहन यादव सरकार ने यह निर्देश तमिलनाडु की लैब में हुए टेस्ट के बाद जारी किया है। टेस्ट में दवा में बेहद खतरनाक केमिकल मिला है।

राजस्थान सरकार ने ड्रग कंट्रोलर को किया सस्पेंड, कायसन फार्मा पर भी एक्शन लिया लेकिन मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव केवल गाल बजा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

तमिलनाडु की सरकारी लैब में हुए टेस्ट के अनुसार कोल्डरिफ सीरप की गुणवत्ता स्टैंडर्ड के हिसाब से नहीं है क्योंकि इसमें 48.6 प्रतिशत डायथलिन ग्लायकोल मिला है, जो जहरीला इंडस्ट्रियल केमिकल है और सेहत को नुकसान पहुंचाने वाला है।रिपोर्ट में कहा गया कि इस कफ सिरप के सैंपल में मिलावटी पाई गई है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि पूरे मध्य प्रदेश में इस सिरप की बिक्री को बैन कर दिया गया है और कंपनी के अन्य उत्पादों की बिक्री पर भी रोक लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इस कफ सिरप को कांचीपुरम (तमिलनाडु) की एक फैक्ट्री में बनाया गया था और इसी वजह से राज्य सरकार ने तमिलनाडु सरकार से जांच कराने का अनुरोध किया था।
यादव ने कहा कि शुक्रवार सुबह ही जांच रिपोर्ट मिली है और इसके आधार पर कड़ा एक्शन लिया गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत होने के मामले में जांच के लिए टीम बनाई गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।लेकिन क्या मुख्यमंत्री नहीं जानते कि जहरीला कफ सीरप बेचने की इजाजत देने वाले तो उनके अपने स्वास्थ्य मंत्री हैं. क्या उन्हे मंत्रिमंडल से निकालने की हिम्मत है मुख्यमंत्री में.?
आपको बता दूं कि मध्य प्रदेश में इस सिरप से 10 बच्चों की मौत हो चुकी है जबकि राजस्थान में भी 2 बच्चों की जान गई है। बच्चों की मौत के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एडवाइजरी जारी कर कहा था कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दें।

चूंकि ये मामला अब एक से अधिक राज्यों का बन गया है इसलिए इसमें केंद्र सरकार को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए था, लेकिन दोषी सरकारें चूंकि भाजपा की हैं इसलिए दोषियों को बचाया जा रहा है.सवाल ये भी है कि मप्र और राजस्थान के साथ ही केरल सरकार ने तमिलनाडु की ही कंपनी का सीरप क्यों खरीदा? क्या देश में दूसरी कंपनियां कफ सीरप नही बनातीं? क्या इस सप्लाई के पीछे कोई सिफारिश, कोई कमीशनखोरी भी हुई है?

कोल्डरिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी के मालिक या प्रमु्ख संचालकों गोविंदन बाला सुब्रमनियन, रंगनाधन गोविन्द राजन रंगनाथन गोविंदन और रंगनाथन रानी के खिलाफ न अभी कोई मुकदमा दर्ज हुआ है और न गिरफ्तारी हुई.साल1990में स्थापित कंपनी 2009से ही गडबडी कर रही है. ये कफ सीरप के अलावा बुखार और दर्द निवारक दवाएं भी बनाती है.
@ राकेश अचल

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