@शब्द दूत ब्यूरो (09 सितंबर 2025)
काठमांडू/नई दिल्ली। नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़की हिंसा और लगातार बिगड़ते हालात पर भारत ने गहरी चिंता जताई है। भारत के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बयान जारी कर सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और किसी भी मुद्दे का शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए समाधान करने की अपील की। साथ ही नेपाल में मौजूद भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम नेपाल की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और कई युवाओं की मौत से गहरा दुख हुआ है। मंत्रालय ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। बयान में कहा गया कि “एक घनिष्ठ मित्र और पड़ोसी के रूप में, हम आशा करते हैं कि सभी पक्ष संयम से काम लेंगे और शांतिपूर्ण तरीकों से समाधान खोजेंगे।”
उल्लेखनीय है कि नेपाल सरकार ने 4 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स सहित 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार का कहना है कि इन कंपनियों ने नेपाल में पंजीकरण नहीं कराया और फर्जी खातों से देश विरोधी गतिविधियां चल रही थीं। लेकिन युवाओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला मानते हुए सड़कों पर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया।
काठमांडू के मैतीघर मंडला, बनेश्वर और सिंहदरबार समेत कई इलाकों में हजारों की संख्या में युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। देखते-देखते हिंसा राजधानी से निकलकर पोखरा, दमक, चितवन और रूपंदेही तक फैल गई। कई जगह सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया और वाहनों में आगजनी हुई। हालात काबू में लाने के लिए काठमांडू जिला प्रशासन ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री आवास के आसपास कर्फ्यू लगा दिया। कई शहरों में सेना को भी तैनात किया गया है।
फिलहाल घायलों का इलाज काठमांडू मेडिकल कॉलेज और एवरेस्ट हॉस्पिटल में चल रहा है, जबकि पुलिस व सुरक्षा बल संवेदनशील स्थानों पर तैनात रहकर हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
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