@शब्द दूत ब्यूरो (16 अगस्त 2025)
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने निर्वाचन सूचियों (Electoral Rolls) में त्रुटियों और आरोपों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। आयोग ने कहा कि शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र को मजबूत करती है और इसके लिए सभी स्तरों पर राजनीतिक दलों को शामिल किया जाता है। आयोग के अनुसार प्रत्येक मतदाता और राजनीतिक दल को त्रुटियों को सुधारने के लिए पर्याप्त समय और अवसर उपलब्ध कराया जाता है।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि संसद और विधानसभा चुनावों की निर्वाचन प्रणाली बहुस्तरीय विकेन्द्रित ढांचे पर आधारित है। निर्वाचन सूची तैयार करने और अंतिम रूप देने का कार्य उप जिला मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारी (ERO) बूथ स्तर अधिकारियों (BLO) की मदद से करते हैं और वे इसकी शुद्धता के लिए जिम्मेदार होते हैं।
आयोग ने बताया कि मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद उसकी डिजिटल व भौतिक प्रतियां सभी राजनीतिक दलों से साझा की जाती हैं और ईसीआई की वेबसाइट पर भी उपलब्ध रहती हैं। इस दौरान एक माह तक आपत्तियां और दावे दर्ज कराए जा सकते हैं। इसके बाद अंतिम सूची प्रकाशित की जाती है, जिसकी प्रतियां भी सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराई जाती हैं। अंतिम सूची प्रकाशित होने के बाद दो स्तरीय अपील प्रक्रिया भी उपलब्ध रहती है—पहली अपील जिला मजिस्ट्रेट के पास और दूसरी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) के पास।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि निर्वाचन सूची तैयार करने में पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता है। आयोग ने यह भी कहा कि कई बार कुछ राजनीतिक दल और उनके बूथ लेवल एजेंट समय रहते सूचियों की जांच नहीं करते और त्रुटियां इंगित नहीं करते। हाल ही में कुछ दलों और व्यक्तियों द्वारा पूर्व में तैयार मतदाता सूचियों पर सवाल उठाए जाने का उल्लेख करते हुए आयोग ने कहा कि शिकायत दर्ज कराने का उपयुक्त समय दावे और आपत्तियों की अवधि होती है। यदि त्रुटियों की ओर समय रहते ध्यान दिलाया जाता तो संबंधित अधिकारियों को उन्हें सुधारने का अवसर मिल जाता।
आयोग ने अंत में कहा कि वह राजनीतिक दलों और मतदाताओं की ओर से निर्वाचन सूचियों की जांच और समीक्षा का हमेशा स्वागत करता है, क्योंकि इससे सूचियों को शुद्ध बनाने और त्रुटियों को दूर करने में मदद मिलती है। यही चुनाव आयोग का प्रमुख उद्देश्य रहा है।

Shabddoot – शब्द दूत Online News Portal

