@शब्द दूत ब्यूरो (24 जून 2025)
उत्तराखंड में प्रस्तावित पंचायत चुनावों पर उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश को बरकरार रखते हुए अगली सुनवाई की तिथि कल निर्धारित की है। सरकार द्वारा 9 जून 2025 को पंचायत चुनावों के लिए जारी आरक्षण सूची को चुनौती देते हुए दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि जब तक आरक्षण नियमों की विधिवत गजट अधिसूचना नहीं होती और कानूनी आपत्तियों का समाधान नहीं होता, तब तक चुनाव प्रक्रिया नहीं चल सकती।
कोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने जिन नए आरक्षण नियमों के तहत सीटों का आरक्षण किया है, वे अभी अधिसूचित नहीं हुए हैं। साथ ही, याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ सीटों पर लगातार चौथी बार भी आरक्षण लागू किया गया है, जो संविधान के प्रावधानों के विपरीत है।
इससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने 12 जिलों में दो चरणों में चुनावों की तिथियाँ घोषित की थीं, जिसमें लगभग 47 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते। चुनाव 10 और 15 जुलाई को प्रस्तावित थे, लेकिन हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के चलते अब ये तिथियाँ निरस्त मानी जा रही हैं।
सरकार की ओर से पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने जानकारी दी कि आरक्षण नियमों की गजट अधिसूचना मुद्रणाधीन है और शीघ्र ही उसे न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया तय हो सकेगी।
अब सभी की नजरें कल होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें अदालत यह तय करेगी कि पंचायत चुनाव कब और किन परिस्थितियों में कराए जा सकते हैं। फिलहाल चुनावों पर रोक जारी है।
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