उपभोक्ता खर्च में भारी गिरावट, कंज्यूमर सर्वे जारी नहीं करेगी मोदी सरकार
November 16, 2019288 Views
वेद भदोला
नई दिल्ली। देश की मोदी सरकार घरेलू उपभोग की खपत पर 2017-18 के आंकड़े जारी नहीं करेगी। सरकार ने इसके पीछे आंकड़ों की गुणवत्ता में कमी का तर्क दिया है। नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस के मुताबिक बीते 4 दशकों में पहली बार उपभोक्ता खर्च में गिरावट देखी जा रही है। रिपोर्ट में इसके पीछे ग्रामीण उपभोक्ताओं की मांग में कमी को बड़ी वजह बताई गई।
सर्वे का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है किसी व्यक्ति विशेष द्वारा 2011-12 की तुलना में 2017-18 के दौरान औसत खर्च में 3.7 फीसदी की गिरावट देखी गई। गौरतलब है कि इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ता खर्च 8.8 फीसदी नीचे गिरा है। जबकि, शहरों में यह 2 फीसदी की दर से बढ़ा है। यह सर्वे जुलाई 2017 और जून 2018 के दौरान कराया गया था। इसके बाद सरकार ने संसद को बताया था कि सर्वे से जुड़े आंकड़ों को वह जून 2019 में सार्वजनिक करेगी। लेकिन, इसे इस दौरान भी जारी नहीं किया गया।
जानकारों के अनुसार मंत्रालय ने उपभोक्ता खर्च से संबंधित सर्वे से जुड़ी उस मीडिया रिपोर्ट को देखा है, जिमसें एन एस एस के हवाले से बताया गया है कि उपभोक्ता खर्च में कमी आ रही है और प्रतिकूल आंकड़ों को देखते हुए रिपोर्ट को रोक दिया गया है। आंकड़े और रिपोर्ट का पुनरीक्षण का काम एक कठिन प्रक्रिया है, जिसे सर्वे के माध्यम से पेश किया जाता है। ऐसे सभी प्रतुतियां जो मंत्रालय के समक्ष आती हैं, वे ड्राफ्ट रूप में होती हैं और उन्हें अंतिम रिपोर्ट नहीं माना जा सकता।
विशेषज्ञ बताते हैं कि देश में गरीबी का स्तर काफी बढ़ गया है। विशेषज्ञों के अनुसार सबसे चिंताजनक बात यह है कि दशकों बाद फूड कंजंप्शन में गिरावट देखी जा रही है।