@शब्द दूत ब्यूरो (19 मार्च 2025)
हरिद्वार। यति रामस्वरुपानन्द गिरी ने बताया कि हमने उत्तराखंड के सभी सनातनी हिंदुओं की और राजनेताओं की सद्बुद्धि के लिए और सनातन धर्म की रक्षा के लिए मां बगलामुखी महायज्ञ प्रारंभ किया। यति रामस्वरूपनंद गिरी के साथ यति सत्यानंद गिरी, टेकचंद और मोहन सिंह उपस्थित रहे।
उन्होंने बताया कि एक ही स्थान पर हमने आज से नौ दिवसीय तपस्या लगातार बैठकर मां महादेव से प्रार्थना करना प्रारंभ किया। मां बगलामुखी महायज्ञ का आज 23वां दिवस है और तपस्या का आज तीसरा दिन है। मुझे तपस्या और मां बगलामुखी महायज्ञ करने पर मजबूर इसलिए होना पड़ा कि हमने देवभूमि उत्तराखंड में लगातार आंदोलन, आमरण अनशन और आत्मदाह जैसे कृत्य करने पर मजबूर होना पड़ा। क्योंकि उत्तराखंड में बढ़ती हुई इस्लामिक जिहादियों की जनसंख्या और उगते हुए मस्जिद मजार मदरसों से व्यथित होकर हमनें लगभग 11000 अपने खून से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी को भेजा था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी को शायद मां महादेव जी नें सद्बुद्धि दिया कि अब वह बढ़ती हुई इस्लामिक जनसंख्या और उगते हुए मजार मस्जिद मदरसे को लेकर चिंतित हुए और अवैध मस्जिद मजार मदरसों को तुड़वाना और सील करना प्रारंभ किए। इसके लिए धामी जी को बहुत बहुत साधुवाद आभार परन्तु लेकिन अभी कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। विधायक आशा नौटियाल जी ने केदारनाथ धाम में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाया यह बहुत ही सराहनीय कार्य किया है इसके लिए हम सदैव आशा नौटियाल जी के साथ हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से निवेदन है कि आप हमारे रक्त पत्र का एक बार फिर से संज्ञान लीजिए। जो कि आपके पास पहले ही भेज चुके हैं। उसमें हमने यह भी लिखा है कि उत्तराखंड प्रदेश में एक भी मुस्लिम ना रहे और बाहर से एक भी मुस्लिम प्रवेश न करें। आप अगर ऐसा करते हैं तो इतिहास में आपका नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा और पूरी पृथ्वी पर आपकी छवि महान क्रांतिकारी योद्धाओं में जाना जाएगा। मां महादेव जी ने शायद इस कार्य के लिए आपको चुना इसीलिए आप उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए हैं। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो मां महादेव जी शायद आपको कभी भी माफ नहीं करेंगे क्योंकि एक संन्यासी ने अपना खून बहाकर रक्त पत्र लिखकर आपको दिया था सन्यासी का रक्त व्यर्थ न जाए ऐसा हम आपसे आशा भी करते हैं।
उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं की देवभूमि उत्तराखंड को इस्लामीक जिहादी नरक भूमि बना देंगे और बांग्लादेश जैसी स्थिति हो जाएगी उत्तराखंड में ना तो कोई सनातनी हिंदू बचेगा और ना ही कोई मठ मंदिर बचेंगे और बहुत जल्द ही इस्लामीक राज्य बनाकर रहेंगे।