@शब्द दूत ब्यूरो (13 दिसंबर 2024)
नयी दिल्ली। वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने आज लोकसभा के शीतकालीन सत्र में एक कहानी सुनायी। कहानी सुनकर लोकसभा में खूब ठहाके लगे।
प्रियंका गांधी ने कहा कि पहले का राजा भेष बदलकर आलोचना सुनने जाता था। लेकिन आज का राजा भेष बदलने का शौक रखते हैं और खूब भेष बदलते हैं लेकिन जनता के बीच जाने की न तो हिम्मत है और न आलोचना सुनने की। मैं तो सदन में नई हूं। सिर्फ 15 दिन से आ रही हूं। लेकिन मुझे ताज्जुब होता है कि इतने बड़े-बड़े मुद्दे हैं, प्रधानमंत्री जी सिर्फ एक दिन के लिए 10 मिनट दिखे हैं। बात ये है कि ये देश भय से नहीं, साहस और संघर्ष से बना है। इसको बनाने वाले देश के किसान, जवान, करोड़ों मजदूर और गरीब जनता है.। संविधान इनको साहस देता है। मेहनती मिडिल क्लास है. इस देश के करोड़ों देशवासी हैं, जो रोजाना भयंकर परिस्थितियों का सामना करते हैं, उनको साहस देता है।
शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को 14वें दिन संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने लोकसभा में केंद्र की एनडीए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, आज के राजा आलोचनाओं से डरते हैं। विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया जाता है। उन्हें सताया जाता है. पूरे देश का माहौल भय से भर दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी यहां सदन में संविधान की किताब को माथे से लगाते हैं, लेकिन संभल में, मणिपुर में न्याय की गुहार उठती है तो उनके माथे पर शिकन तक नहीं आती। शायद समझ नहीं पाए हैं कि भारत का संविधान संघ का विधान नहीं है। भारत के संविधान ने हमें एकता दी है. हमें आपसी प्रेम दिया। उस मोहब्बत की दुकान जिस पर आपको हंसी आती है, उसके साथ करोड़ों देशवासी चले।