@शब्द दूत ब्यूरो (06 सितंबर 2024)
आप खुद को भगवान खुद कैसे कह सकते हैं। ये लोग तय करेंगे। आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत ने ये बयान किसके लिए और किस संदर्भ में दिया अब इसको लेकर बहस शुरू हो गई है।
दरअसल आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बीते रोज शंकर दिनकर केन के शताब्दी समारोह पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ये बात कही। उन्होंने आगे कहा कि शंकर दिनकर ने 1971 तक मणिपुर में बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए काम किया। उन्होंने छात्रों को महाराष्ट्र लाकर उनके रहने की व्यवस्था की।
भागवत ने केन के काम को याद करते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में जितना संभव हो अच्छे काम करने का प्रयास करना चाहिए। कोई हमें यह नहीं कर रहा है कि हमें चमकना नहीं चाहिए या लोगों से अलग नहीं दिखना चाहिए। अपने काम के जरिए हर व्यक्ति श्रद्धेय बन सकता है लेकिन हम स्वयं उस स्तर पर पहुंचे या नहीं इसका निर्धारण दूसरों को करने देना चाहिए। हमें यह घोषणा नहीं करनी चाहिए कि हम भगवान बन गए हैं
संघ प्रमुख ने मणिपुर के हालातों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों ने अभी तक मणिपुर नहीं छोड़ा है। वे वहीं डटे हुए हैं। वे सामान्य स्थिति बहाल करने और दोनों समुहों के बीच तनाव को कम करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। वे लगातार वहां के नागरिकों के मन में राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही भागवत ने कहा कि वहां सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। स्थानीय लोग सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं।