@शब्द दूत ब्यूरो (05 जून 2024)
फैजाबाद । फैजाबाद यानी अयोध्या सीट से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह की हार पर सोशल मीडिया पर वहां के लोगों को ट्रोल किया जा रहा है। हालांकि भाजपा की हार के कारणों में अफसरों द्वारा भाजपा नेताओं को जेल भेजने की धमकी, दुकानों और मकानों की तोडफ़ोड़, प्रत्याशी के विरूद्ध जनता का आक्रोश मुख्य रहे।
आपको बता दें कि बीजेपी ने अयोध्या धाम के विकास पर सबसे ज्यादा फोकस किया। सोशल मीडिया से लेकर चुनाव-प्रचार में अयोध्या धाम में हुए विकास कार्यों को बताया गया लेकिन बीजेपी ने अयोध्या के ग्रामीण क्षेत्रों पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया। अयोध्या धाम से अलग ग्रामीण क्षेत्र की तस्वीर बिल्कुल अलग रही। ग्रामीणों ने इसी आक्रोश के चलते बीजेपी के पक्ष में मतदान नहीं किया।
अयोध्या में रामपथ के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया। कई लोगों के घर-दुकान तोड़े गए। निराशाजनक पहलू यह रहा कि कई लोगों को मुआवजा नहीं मिला। इसकी नाराजगी चुनाव परिणाम में साफ नजर आ रही है। कुछ ऐसी ही स्थिति चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण में भी देखने को मिली। बड़ी संख्या में घर-दुकान तोड़े गए लेकिन प्रभावितों को उचित नहीं मिला। बीजेपी ने सांसद लल्लू सिंह पर भरोसा जताते हुए तीसरी बार चुनावी मैदान में उतारा था। नया चेहरा ना उतरना ही बीजेपी को यहां भारी पड़ गया। लल्लू सिंह के खिलाफ स्थानीय लोगों को नाराजगी का अंदाजा पार्टी नहीं लगा पाई। नतीजतन बीजेपी को प्रतिष्ठित सीट गंवानी पड़ी।
लल्लू सिंह ने चुनाव-प्रचार के दौरान संविधान बदलने का बयान भी दिया था। बयान पर काफी हो-हल्ला मचा था। अयोध्या के ग्रामीण क्षेत्रों में किसान आवारा पशुओं से खासे परेशान हैं। सरकार ने गोशाला जरूर बनाई हैं लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकाल पाई है। आवारा पशुओं के मुद्दे को समाजवादी पार्टी ने मुद्दा बनाया था। बीजेपी को इस मुद्दे पर नाराजगी झेलनी पड़ी और हार का दंश झेलना पड़ा।
अपनों की उपेक्षा और बेलगाम अफसरशाही भगवागढ़ में भाजपा की नैया डूबने का सबसे बड़ा कारण बनी। भाजपा संगठन में अनुभवी नेताओं में गिने जाने वाले लल्लू सिंह नेतृत्व के भी अत्यंत भरोसेमंद माने जाते हैं। एक नहीं अनेक बार ऐसा हुआ जब अधिकारियों ने भाजपा नेताओं की न सिर्फ अनसुनी की बल्कि कुछ एक अवसरों पर तो अधिकारियों ने भाजपा नेताओं को जेल तक भेजने की धमकी दी।
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