Breaking News

अतीक की मौत का एक साल पूरा… कैसे एक-एक कर बिखरा माफिया का साम्राज्य?

@शब्द दूत ब्यूरो (15 अप्रैल 2024)

15 अप्रैल 2023 का दिन, रात करीब 10 बज रहे थे, माफिया डॉन अतीक अहमद को मेडिकल जांच के लिए प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया था. अतीक अहमद के साथ उसका भाई अशरफ भी था. मीडियाकर्मियों के कैमरे ऑन थे, अतीक मीडिया के सवालों के जवाब दे रहा था… बस इसी बीच मीडियाकर्मियों के बीच से 3 नौजवान अपराधी निकले और धांय-धांय-धांय… ऐसे हुआ अतीक अहमद के खौफ का चैप्टर क्लोज.

कई सालों तक खौफ का पर्याय रहे माफिया अतीक का ऐसा अंत शायद ही किसी ने सोचा होगा. एक दौर था जब जेल के अंदर रहते हुए भी अतीक की तूती पूरे उत्तर प्रदेश में बोलती थी. अतीक अहमद और अशरफ की मौत के बाद अब बारी थी माफिया के साम्राज्य को जड़ से उखाड़ फेंकने की. इसके लिए प्रदेश पुलिस लगातार छापेमारी करती रही, माफिया के परिवार के दो सदस्य अभी भी जेल में बंद हैं. उसकी पत्नी और दूसरे परिजन पुलिस से बचकर मुंह चुराते घूम रहे हैं. माफिया अतीक की मौत के बाद सबसे पहले उसकी करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति पर कुर्की की कार्रवाई की गई. ये अभियान अभी भी जारी है.

पूरा परिवार तितर-बितर

माफिया के परिवार की बात करें तो अतीक की पत्नी शाइस्ता के खिलाफ 5 केस दर्ज हैं. इन केस में उमेश पाल हत्याकांड भी है इसके अलावा अवैध रूप से हथियार रखने, फर्जी जानकारी के बाद हथियारों के लायसेंस बनवाने जैसे मामले शामिल हैं. अतीक के दो बेटे उमर और अली फिलहाल जेल में हैं और दो बेटे एक रिश्तेदार के घर पर रह रहे हैं. अतीक के छोटे भाई अशरफ की पत्नी जैनब भी शाइस्ता की तरह फरार चल रही है. जैनब पर कुल तीन मुकदमे दर्ज हैं. इनके साथ अतीक की बहन आयशा भी शामिल है. पुलिस ने शाइस्ता पर 50 हजार, जबकि जैनब और आयशा पर 25-25 हजार का इनाम भी रखा है.

कब शुरु हुआ काउंटडाउन

वैसे तो माफिया अतीक अहमद पर सैकड़ों केस देश के कई थानों में दर्ज थे, लेकिन उसकी मौत का काउंटडाउन 24 फरवरी 2023 को शुरू हुआ था. इस दिन प्रयागराज में राजूपाल मर्डर के एकलौते गवाह राजू के भाई उमेश पाल की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई. उमेश पाल के साथ दो गनर्श की भी हत्या की गई थी और हत्यारों ने गोलियों चलाने के बाद बम भी फेंके थे. यहीं से राजूपाल हत्याकांड से शुरू हुए मामले की अंत की शुरुआत हुई.

ऐसे कसता गया शिकंजा

इस हत्याकांड के तीसरे दिन ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी अरबाज को मुठभेड़ में मार गिराया. हत्यारों की मदद करने वालों के घरों को जमींदोज किया गया. अतीक के बेटे और दूसरे हत्यारों पर 5-5 लाख का इनाम घोषित किया. 6 मार्च को शूटर विजय चौधरी का एनकाउंटर किया गया. 27 मार्च को अतीक और अशरफ को साबरमती जेल से पेशी के लिए प्रयागराज लाया गया था. 28 मार्च को अतीक, और दो अन्य को एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई.

13 अप्रैल को पेशी के दौरान अतीक और अशरफ की पुलिस को रिमांड मिली. 13 अप्रैल को ही एसटीएफ ने अतीक के बेटे असद और गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया. 14 अप्रैल को अतीक और अशरफ को धूमनगंज के लॉकअप में बंद किया गया और पूछताछ की गई. इसके दूसरे दिन मेडिकल चेकअप के लिए दोनों को कॉल्विन हॉस्पिटल लाया गया जहां पर अतीक और अशरफ की कैमरे के सामने हत्या की गई.

Website Design By Mytesta +91 8809666000

Check Also

बच्चों को दंड देना कितना उचित@खुद सजा दें तो प्यार, अध्यापक सजा दे तो….

🔊 Listen to this @निर्मला  अधिकतर माता-पिता अपने बच्चों को अपनी प्रॉपर्टी समझते हैं, साथ …

googlesyndication.com/ I).push({ google_ad_client: "pub-