@शब्द दूत ब्यूरो (12 अप्रैल 2024)
समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पुजारियों की पोशाक में पुलिस तैनात करने के आदेश को निंदनीय बताया है और ऐसा आदेश देने वाले पुलिस अधिकारी को सस्पेंड करने की मांग उठाई है. दरअसल, बनारस पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने आदेश के बाद मंदिर के अंदर पुजारियों की पोशाक में पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती हुई है. वहीं, पुलिस कमिश्नर ने मंदिर में जवानों की तैनाती की क्यों की गई है इस बारे में जानकारी दी है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘पुजारी के वेश में पुलिसकर्मियों का होना किस पुलिस मैन्युअल के हिसाब से सही है? इस तरह का आदेश देने वालों को निलंबित किया जाए. कल को इसका लाभ उठाकर कोई भी ठग भोली-भाली जनता को लूटेगा, तो उत्तर प्रदेश शासन-प्रशासन क्या जवाब देगा?
धोती-कुर्ता में दिखे पुलिसकर्मी
काशी विश्वनाथ मंदिर में पुरुष पुलिसकर्मियों को धोती-कुर्ता में देखा गया है और मस्तक पर त्रिपुंड लगाए हुए हैं. साथ ही साथ गले में रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए हैं. वहीं, महिला पुलिसकर्मी सलवार कुर्ता पहने हुए हैं. पुलिस कमिश्नर अग्रवाल ने नई पोशाक में पुलिसकर्मियों की तैनाती को लेकर तर्क दिया कि भक्त दूर-दूर से काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आते हैं. वे पुजारियों का सम्मान करते हैं और उनकी बातें मानते हैं. वर्दी में खड़े पुलिसकर्मी अगर उन्हें आगे बढ़ने को कहते हैं तो उन्हें अच्छा नहीं लगता है.
सपा ने बताया धर्म के साथ खिलवाड़
अग्रवाल ने कहा, ‘मंदिर में ड्यूटी अन्य जगहों से अलग है क्योंकि पुलिस को यहां तमाम प्रकार की भीड़ का प्रबंधन करना पड़ता है. यहां भीड़ कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने के लिए नहीं है. पुलिस यहां लोगों को आसान दर्शन सुनिश्चित करने और उनकी सहायता व मार्गदर्शन करने के लिए है.’ कमिश्नर के फैसले पर समाजवादी पार्टी हमलावर हुई है. सपा नेता मनोज राय ध्रुव चंडी का कहना है कि ये धर्म के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.