@शब्द दूत ब्यूरो (09 अप्रैल 2024)
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन फिल्म द केरल स्टोरी को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर काफी ज्यादा आक्रोशित है। विजयन ने कहा कि इससे देश में विभिन्न संप्रदायों के बीच कलह को बढ़ावा मिलेगा, इसमें मुसलमानों और ईसाइयों सहित अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है । मंगलवार को इस फिल्म पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह आरएसएस के लोगों का हमारे राज्य को नीचा दिखाने का एक एजेंडा है ।
देश के विभिन्न हिस्सों में कड़ा विरोध दर्ज
उन्होंने कहा कि कुछ लोगो के द्वारा इसे गढ़ा गया और राज्य की छवी खराब करने के लिए एक फिल्म का रुप देकर सिनेमाघरोे में प्रदर्शित किया गया है ।‘द केरल स्टोरी’ के दूरदर्शन पर प्रसारण को लेकर, उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह फिल्म दिखाने का अपना फैसला वापस ले और कहा है कि इससे लोकसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक तनाव पैदा हो जाएगा। विजयन ने कोल्लम के चावरा में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि न केवल केरलवासी बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों के लोग भी इस फिल्म के खिलाफ पहले ही अपना कड़ा विरोध दर्ज करा चुके हैं ।
इस्लाम में परिवर्तित और ISIS में शामिल होने के लिए मजबूर
बता दे कि द केरल स्टोरी के दूरदर्शन पर प्रसारण को लेकर हुए विवाद के बीच केरल में एक कैथोलिक संगठन ने ‘गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम’ के तहत छात्राओं के लिए यह फिल्म प्रदर्शित की। एक चर्च के तहत ‘इडुक्की डायोसिज’ ने पिछले सप्ताह कक्षा 10, 11 एवं 12 की छात्राओं के लिए फिल्म का प्रदर्शन किया था। साथ ही उन्से इसकी एक समीक्षा लिखने को भी कहा था । बता दे कि, सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित बॉलीवुड फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ केरल की महिलाओं के एक ग्रुप की कहानी बयां करती है, जिन्हें इस्लाम में परिवर्तित होने और ISIS में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।
राज्य को खराब चित्रित करने की कोशिश
जब इस बात पर विजयन ने आरोप लगाया कि फिल्म को स्पष्ट ‘राजनीतिक इरादे’ के साथ बनाया गया था और इसे ज्यादा प्रचारित करना भी सोचा-समझा एजेंडा हो सकता है।इस फिल्म के माध्यम से राज्य को खराब चित्रित करने की कोशिश की गई है, लेकिन हमारा राज्य अन्य राज्यो से अलग है, जहां लोग जाति और धर्म से परे होकर आपस में मेल मिलाप के साथ एक दूसरे का सम्मान करते हुए रहते हैं । केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दूरदर्शन को अपना फैसला वापस लेने का निर्देश देने को कहा था। सतीसन ने कहा, “केरल स्टोरी एक प्रोपेगेंडा फिल्म है जो बेहद गलत आधारों पर आधारित है और राज्य के लोगों की धूमिल तस्वीर पेश करने का प्रयास करती है।”