@शब्द दूत ब्यूरो (06 अप्रैल 2024)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) देश में सिर्फ बैंकों के रेग्युलेशन का ही नहीं, बल्कि नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों का भी रेग्युलेशन करता है. ऐसे में उनकी कोई भी भूल-चूक या नियमों का उल्लंघन आरबीआई की निगाह से बच नहीं सकता. तभी तो आरबीआई ने एलआईसी की हाउसिंग फाइनेंस कंपनी पर लाखों रुपए का जुर्माना लगाया है. जबकि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को नियमों में कोताही बरतने के चलते 1 करोड़ रुपए का जुर्माना देना है.
सेंट्रल बैंक ने एक बयान जारी कर पूरे मामले की जानकारी दी है. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर अगर 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा है, तो एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस को 49.70 लाख रुपए का जुर्माना चुकाना है.
नहीं कर पाए इन नियमों का पालन
आरबीआई के बयान के मुताबिक आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर ‘लोन एंड एडवांस’ से जुड़े कुछ निर्देशों का पालन नहीं कर पाने के चलते जुर्माना लगाया गया है. केंद्रीय बैंक ने लोन और एडवांस देने के लिए कुछ वैधानिक नियम बनाए हैं, साथ ही कुछ प्रतिबंध लगाए हैं.
वहीं आरबीआई ने एक अन्य बयान में कहा कि एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस पर भी करीब 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस आरबीआई के ‘एनबीएफसी-हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (रिजर्व बैंक) गाइडलाइंस-2021’ के कुछ प्रावधानों का सही से पालन नहीं कर सकी थी, इसलिए उस पर ये जुर्माना लगा है. दोनों ही मामलों में आरबीआई ने नियमों के पालन में कमियों को लेकर जुर्माना लगाया है. इससे बैंक या कंपनी के ग्राहकों पर या उनके साथ होने वाले लेनदेन पर कोई असर पड़ेगा.
इन एनबीएफसी पर लग गया बैन
इस बीच, आरबीआई ने चार नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) कुंडल्स मोटर फाइनेंस, नित्या फाइनेंस, भाटिया हायर परचेज और जीवनज्योति डिपॉजिट्स एंड एडवांसेज के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (सीओआर) रद्द कर दिया है. इसके बाद ये कंपनियां अब एनबीएफसी का कारोबार नहीं कर सकती हैं.
वहीं, पांच अन्य एनबीएफसी- ग्रोइंग अपॉर्चुनिटी फाइनेंस (इंडिया), इनवेल कमर्शियल, मोहन फाइनेंस, सरस्वती प्रॉपर्टीज और क्विकर मार्केटिंग ने अपना पंजीकरण प्रमाणपत्र लौटा दिया है.