नई दिल्ली। आर्थिक तंगी का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी ने अपने महासचिवों, राज्य प्रभारियों और अन्य पदाधिकारियों से खर्च पर लगाम लगाने को कहा है। दरअसल, पांच सालों से केंद्र की सत्ता से दूर कांग्रेस फंड की कमी से जूझ रही है और अब पार्टी ने इससे निपटने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। पार्टी के एक सूत्र के अनुसार पार्टी के अकाउंट विभाग ने महासचिवों, राज्य प्रभारियों और अन्य पदाधिकारियों से कहा कि सभी अपने खर्च पर लगाम लगायें।
पार्टी ने पदाधिकारियों से कहा है कि चाय-नाश्ते पर खर्च की सीमा प्रति महीने तीन हजार रुपये रखें, और यदि खर्च इससे अधिक होता है तो उसका भुगतान संबंधित व्यक्ति को करना होगा। उल्लेखनीय है कि पार्टी नेताओं और अन्य पदाधिकारियों को आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की कैंटीन से चाय-नाश्ते दिए जाते हैं, और पदाधिकारी उसके बिल पर हस्ताक्षर करके लौटा देते हैं, और इन सभी बिल का भुगतान अकाउंट विभाग की तरफ से किया जाता है।
एक अन्य सूत्र ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ कहा कि पार्टी ने नेताओं को छोटी दूरी की यात्रा ट्रेन से करने के लिए कहा है। पार्टी ने यात्रा के दौरान रात में ठहरने की जरूरत न होने पर होटल बुक करने से भी मना किया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस को 55.36 करोड़ रुपये का चंदा मिला है। पार्टी की संपत्तियों में 2017-18 में 15 प्रतिशत की गिरावट आई है। वर्ष 2017 के लिए संपत्ति 854 करोड़ रुपये थी, जबकि 2018 में यह 754 करोड़ रुपये थी।