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PM मोदी को मेरी बातें अच्छी नहीं लगतीं, उन्हें घुमाकर वह हमेशा अर्थ बदलने की कोशिश करते हैं: राहुल गांधी

@शब्द दूत ब्यूरो (18 मार्च 2024)

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘शक्ति’ वाले अपने बयान पर खड़े हुए राजनीतिक विवाद की पृष्ठभूमि में सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी बातों का अर्थ बदलने की कोशिश की है, जबकि उन्होंने जिस शक्ति का उल्लेख किया था उसका ‘मुखौटा’ प्रधानमंत्री खुद हैं। उन्होने यह दावा भी किया कि जिस शक्ति के खिलाफ वह लड़ने की बात कर रहे हैं उसने सभी संस्थाओं और संवैधानिक ढांचे को अपने चंगुल में दबोच लिया है।

राहुल गांधी ने रविवार को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के समापन के अवसर पर मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित एक रैली में कहा था, ‘‘हिन्दू धर्म में शक्ति शब्द होता है। हम शक्ति से लड़ रहे हैं…एक शक्ति से लड़ रहे हैं। अब सवाल उठता है कि वह शक्ति क्या है? जैसे किसी ने यहां कहा कि राजा की आत्मा ईवीएम में है। सही है…सही है कि राजा की आत्मा ईवीएम में है… हिंदुस्तान की हर संस्था में है। ईडी में है, सीबीआई में है, आयकर विभाग में है।”

इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन पर मुंबई की रैली में ‘शक्ति’ के विनाश का बिगुल फूंकने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि उनके लिए हर मां-बेटी ‘शक्ति’ का स्वरूप है और वह उनके लिए अपनी जान की बाजी लगा देंगे। तेलंगाना के जगतियाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में लड़ाई ‘शक्ति के विनाशकों’ और ‘शक्ति के उपासकों’ के बीच है तथा चार जून को स्पष्ट हो जाएगा कि कौन ‘शक्ति’ का विनाश करने वाले हैं और किसे ‘शक्ति’ का आशीर्वाद प्राप्त है।

राहुल गांधी ने सोमवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मोदी जी को मेरी बातें अच्छी नहीं लगतीं, किसी न किसी तरह उन्हें घुमाकर वह उनका अर्थ हमेशा बदलने की कोशिश करते हैं क्योंकि वह जानते हैं कि मैंने एक गहरी सच्चाई बोली है। जिस शक्ति का मैंने उल्लेख किया, जिस शक्ति से हम लड़ रहे हैं, उस शक्ति का मुखौटा मोदी जी हैं। ” उन्होंने कहा, ‘‘वह एक ऐसी शक्ति है जिसने आज, भारत की आवाज को, भारत की संस्थाओं को, सीबीआई, आयकर विभाग, ईडी, चुनाव आयोग, मीडिया, भारत के उद्योग जगत, और भारत के समूचे संवैधानिक ढांचे को ही अपने चंगुल में दबोच लिया है।”

कांग्रेस नेता ने दावा किया, ‘‘उसी शक्ति के लिए नरेंद्र मोदी जी भारत के बैंकों से हजारों करोड़ के कर्ज माफ कराते हैं जबकि भारत का किसान कुछ हजार रुपयों का कर्ज न चुका पाने पर आत्महत्या करता है। उसी शक्ति को भारत के बंदरगाह, भारत के हवाई अड्डे दिये जाते हैं जबकि भारत के युवा को अग्निवीर का तोहफा दिया जाता है जिससे उसकी हिम्मत टूट जाती है।” उन्होंने यह आरोप लगाया, ‘‘उसी शक्ति को दिन रात सलामी ठोकते हुए देश की मीडिया सच्चाई को दबा देती है। उसी शक्ति के गुलाम नरेंद्र मोदी जी देश के गरीब पर जीएसटी थोपते हैं, महंगाई पर लगाम न लगाते हुए, उस शक्ति को बढ़ाने के लिए देश की संपत्ति को नीलाम करते हैं।”

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘उस शक्ति को मैं पहचानता हूं, उस शक्ति को नरेंद्र मोदी जी भी पहचानते हैं,वह किसी प्रकार की कोई धार्मिक शक्ति नहीं है, वह अधर्म, भ्रष्टाचार और असत्य की शक्ति है। इसलिए जब-जब मैं उसके खिलाफ आवाज उठाता हूं, मोदी जी और उनकी झूठों की मशीन बौखलाती है, भड़क जाती है।”

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