@ शब्द दूत ब्यूरो (07 मार्च 2024)
8 मार्च को महाशिवरात्रि का त्योहार है, शिव भक्तों के लिए ये त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, इस दिन सभी भक्त भगवान शिव की आराधना करते हैं. इस खास दिन देश भर के शिव मंदिरों में सुबह से ही लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं और भोलेनाथ की पूजा करते हैं. इस बार क्या है भगवान शिव की पूजा का मुहूर्त और किस तरह करें पूजा की भोलेनाथ हो जाएं प्रसन्न?
शिवलिंग पर भगवान शिव के प्रिय बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल और मिठाई अर्पित करें. महाशिवरात्रि पर चारों प्रहर की पूजा में शिव पंचाक्षर मंत्र यानी ऊंनमः: शिवाय का जाप करें.भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान, इन आठ नामों से फूल अर्पित कर भगवान शिव की आरती और परिक्रमा करें. शिवपुराण में रात्रि के चारों प्रहर में शिव पूजा का विधान है. महाशिवरात्रि के दिन शाम को स्नान करके किसी शिव मंदिर में जाकर या घर पर ही पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके त्रिपुरा और रुद्राक्ष धारण करके पूजा का संकल्प लें.
पूजा की सामग्री
महाशिवरात्रि के व्रत में चार पहर पूजा की जाती है जिसके लिए कुछ विशेष सामग्री का प्रयोग होता है, वह विशेष सामग्री हैं- गंगाजल, शिवलिंग बनाने के लिए तालाब या कुएं की मिट्टी, अक्षत, पंचामृत, दूध, दही, घी, शहद, लौंग, इलाइची, भांग, सुपारी, अबीर या गुलाल, बेलपत्र, शमी पत्र, धतूरा, बेल का फल, चंदन, पंचमेवा, रुद्राक्ष, फल, फूल, मिठाई, मौली इसके साथ मां पार्वती की पूजा के लिए कुमकुम हल्दी के साथ सुहाग की सामग्री.
महाशिवरात्रि व्रत के लाभ
मान्याता है कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है. इसी के साथ व्यक्ति को जीवन के कष्टों से भी मुक्ति मिलती है. विवाह के लिए यह व्रत सबसे उत्तम माना जाता है, मान्यता है कि जो भी अविवाहित लड़की या लड़का महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का व्रत अथवा पूजन करता है उसे भगवान मनचाहे जीवनसाथी का वर देते हैं.