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समाधि या अंधविश्वास? साध्वी आशुतोषाम्वरी के शिष्य ने बताया सच!

@शब्द दूत ब्यूरो (01 मार्च 2024)

क्या मौत के बाद भी कोई जिंदा वापस आ सकता है. आप जानते हैं दर्शन शास्त्र में इस सवाल का जवाब बड़े ही सही शब्दों में दिया जाता है. भले ही साइंस के पास इस सवाल का प्रमाणिक जवाब नहीं लेकिन दुनियाभर में जब दर्शनशास्त्र और साइंस की चर्चा में ये सवाल पूछा जाता है तो हजारों सालों से चली आ रही समाधि का जिक्र भी किया जाता है.

बीते दिनों सुर्खियों में आईं साध्वी आशुतोषाम्वरी ने समाधि में जाने से पहले अपने शिष्यों से एक वीडियो मैसेज में कहा था कि वह अपने गुरू को लेकर वापस आएंगी. आज लगभग 32 दिनों का समय बीत चुका है लेकिन साध्वी वापस नहीं आई. इसी बीच साध्वी के शिष्य आशुतोष अंबर ने टीवी9 से बातचीत की. उन्होंने तमाम सवालों का जवाब दिया.

पूरी हो चुका है एक महीने समय

साध्वी आशुतोषाम्वरी के शिष्य आशुतोष अंबर से सवाल पूछा गया कि साध्वी की दिया गया एक महीने का वक्त पूरा हो चुका है लेकिन वह शरीर में वापस नहीं आईं, इसको लेकर टीवी9 से विशेष बातचीत में शिष्य आशुतोष ने कहा कि जहां तक एक महीने पूरा हो जाने और मां के समाधि से वापस नहीं आने का सवाल है तो यह बात उनके शिष्य कह रहे थे. हम लोग कह रहे थे कि मां ने कभी समय नहीं बताया था कि वह कब वापस आएगी. हां इतना जरूर है और यह परम सच है, की मां वापस आएंगी और किसी भी दिन किसी भी समय वह अपनी आंखें खोल देंगी. यह होना ही है लेकिन समय निश्चित नहीं है.

समाधि या अंधविश्वास?

इसके बाद शिष्य आशुतोष से सवाल किया गया कि समाधि की डेडलाइन पूरा होने के बाद भी अब आप लोग नई बात कह रहे हैं, और कई लोगों का मानना है कि आप लोग अंधविश्वास फैला रहे हैं. इस सवाल का जवाब देते हुए आशुतोष अंबर ने कहा कि अंधविश्वास तो वह होता है जहां पर कुछ पता ही ना हो. जहां पर शिष्य को गुरु ने कुछ बताया ही ना हो. हमें तो मां सब कुछ बात कर गईं हैं. हमें तो मां यह कह कर गईं हैं कि मैं वापस आऊंगी, तो यह अंधविश्वास कैसे हुआ. अंधविश्वास तो तब होता जब हमको पता ही ना होता की मां आएंगी या नहीं. उन्होंने आगे कहा कि हमें पब्लिसिटी की जरूरत नहीं और हम लोग विश्वास के साथ बैठे हैं और हमारा विश्वास पूरा होगा.

आशुतोष अंबर ने टीवी9 से बातचीत में अपने और साध्वी आशुतोषाम्वरी के रिश्ते पर चर्चा करते हुए बताया कि उनका और साध्वी का मां का रिश्ता है. साथ ही उन्होंने आगे कहा कि हमारी मां आशुतोषाम्वरी ही गुरूजी को वापस लेकर आएंगी. उनका शरीर डीपफ्रीजर में रखा गया है क्योंकि उनके शिष्यों को पता नहीं की वह कब वापस आएंगे. लेकिन मां उनको लेकर जरूर आएंगी.

कौन हैं साध्वी आशुतोषाम्वरी, क्या है मामला?

बता दें दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक संत आशुतोष महाराज 28 जनवरी 2014 को समाधि में लीन हो गए थे. समाधि में जाने से पहले उन्होंने अपने शिष्यों से कहा था कि वह इस शरीर में फिर से लौट कर वापस आएंगे. उनके इस आदेश का पालन करते हुए उनके भक्तों ने उनके शरीर को आज भी सुरक्षित रखा है. मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक उनका निधन हो चुका है. आशुतोष महाराज के शरीर को उनके भक्तों ने पंजाब के जालंधर के नूर महल में सुरक्षित रखा हुआ है. शव को एक डीप फ्रीजर में रखा गया है. गुरु के समाधि में लीन होने के बाद बीते 28 जनवरी को पूरे दस साल बाद उनकी शिष्या साध्वी आशुतोषाम्वरी ने भी समाधि ले ली.

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