@शब्द दूत ब्यूरो (01 मार्च 2024)
हिमाचल प्रदेश में सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को सोलन जिले में आयोजित सभा में बागियों पर जमकर हमला बोला है. सोलन के धर्मपुर में शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के बागियों को आस्तीन के सांपों और नागों की उपमा दी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी से गद्दारी करने वाले विधायक मुंह छुपाते हुए होटलों में कैदियों की तरह रहने को मजबूर हैं.
उन्होंने कहा कि अगर वह बड़े कद्दावर नेता थे, तो वह पार्टी को छोड़ आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में उतरते. उन्होंने कहा कि भाजपा जितने विधायकों को चुराना चाहे चुरा ले, जितनी अड़चनें पैदा करनी हैं, करके देख लें. कांग्रेस सरकार हर बाधा को पूरा करने में सक्षम है, लेकिन जिन विधायकों ने पैसे के लिए अपना जमीर बेच दिया, उन्हें अब नींद आने वाली नहीं है.
जनता देगी मुंहतोड़ जवाब-सीएम
उन्होंने कहा कि लेकिन वह दावा करते है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार रहेगी और कुछ वर्षों में हिमाचल एक मजबूत प्रदेश बन कर देश में उभरेगा, लेकिन कांग्रेस के गद्दारों को हिमाचल की जनता बक्शने वाली नहीं है वह आने वाले लोकसभा चुनावों में इसका मुंहतोड़ जवाब देगी.
बीजेपी प्रजातंत्र को बंधक बनाने की कर रही कोशिश
सीएम ने कहा कि उन्हें हमें कुर्सी से ज्यादा जनता की सेवा से मोह है. वे यहां कुर्सी के लिए नहीं आये हैं, लोगों की सेवा के लिए आये हैं. कांग्रेस पार्टी गरीबों की, आम लोगों की, महिलाओं को सम्मान दिलाने वाली और युवाओं को रोजगार दिलाने वाली पार्टी है.
सीएम ने कहा कि आज भगवान हमारे साथ हैं. धोखा देने वालों के साथ नहीं हैं, इसलिए हमारी सरकार बची हुई है. हरियाणा पुलिस और CRPF का इस्तेमाल कर बीजेपी प्रजातंत्र को बंधक बनाने की चेष्टा कर रही है.
वहीं, इस मौके पर विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने कहा कि जो विधायक उनके साथ जीत कर आए थे. आज वह चोर और डाकू बने नजर आ रहे है. उन्होंने पार्टी और प्रदेश के साथ विश्वासघात किया है. उन्हें किसी भी सूरत में छोड़ना नहीं चाहिए.
बता दें कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के छह विधायकों ने बगावत करते हुए पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के पक्ष में मतदान नहीं किया था. हिमाचल प्रदेश में 40 सदस्यों वाली कांग्रेस के कुल 34 विधायकों ने ही कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था. बाद में टॉस में कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई थी.
उसके बाद से छह विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद कर रखा है. हालांकि कांग्रेस का दावा है कि संकट अब खत्म हो गया है, लेकिन बीजेपी का दावा है कि सरकार अभी भी संकट में है और हिमाचल में सियासी संकट को लेकर लगातार कयास लगाए जा रहे हैं.