फैसल खान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सरकारी नौकरियों में बड़े बदलाव की तैयारी में है। योजना के तहत केंद्र सरकार आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसी नौकरियों के ढांचे में बदलाव कर सकती है। इसके लिए केंद्र ने सभी मंत्रालयों को सेवाओं की एक विस्तृत सूची बनाने और उसे कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) को सौंपने के लिए कहा है।सरकार पुरानी व्यवस्था में बदलाव करके उसे मौजूदा समय के अनुसार बनाने की कोशिश में है।
माना जा रहा है कि इस कार्य को अप्रैल 2020 तक पूरा किया जा सकता है। 17 सितंबर के ऑफिस मेमोरेंडम के अनुसार डीओपीटी ने कहा, ‘नीति, सर्विस प्रोफाइल, कैडर, पोस्ट को नए तरीके से बनाने के लिए यह किया जा रहा है।’
मेमोरेंडम में कहा गया है कि सभी मंत्रालयों और विभाग से आग्रह किया जाता है कि वह 30 सितंबर तक सभी सेवाओं, पोस्ट, कैडर से जुड़ी जानकारी दे दें। पिछले 30 सालों में पहली बार पुरानी व्यवस्था में बदलाव और सरकारी पदों और सेवाओं की दोबारा जांच की जा रही है।
डीओपीटी के एक अधिकारी ने बताया कि इसके पीछे सरकार की सोच निष्क्रिय पदों को हटाकर उनके स्थान पर मौजूदा समयानुसार जिस पद की जरूरत है उसे स्थापित करने की है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया जा रहा है कि जब कुछ दिनों पहले ही डीओपीटी ने अपने पांच साल के विजन दस्तावेज में लोक सेवाओं के बारे में प्रस्ताव दिया था।
सरकारी सेवाओं के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों से विस्तृत जानकारी मांगी है। जिसमें सेवा का नाम, सेवा की जिम्मेदारी किसके हाथ में है, सेवा कब शुरू हुई, पिछली बार इसमें क्या बदलाव किए गए, इसकी संरचना, तैनाती की जगह कौन-कौन सी रही, अधिकारियों की जिम्मेदारियां शामिल है।
मंत्रालयों से ‘नियुक्ति का तरीका क्या है, नियुक्ति की योग्यता क्या रहती है, पदोन्नति से जुड़े क्या नियम हैं’ को लेकर भी जानकारी मांगी गई है। इसके अलावा ‘कैडर की संरचना, नियुक्ति किस प्रकार की जाती है, पदों को कैसे भरा जाता है, पे स्केल, कैडर में पोस्ट कितनी होती है, पिछली बार अधिकारियों को कब पदोन्नति दी गई थी, कुल खाली पद कितने हैं’ को लेकर भी जानकारी मांगी गई है। इन जानकारियों को इकट्ठा करके प्रशिक्षण, पदोन्नति से जुड़ा जानकारी देने को कहा गया है।