@शब्द दूत ब्यूरो (24 जून 2023)
रिश्वत लेने की घटनाएं अक्सर सुनने में आती हैं। रिश्वत लेने वाले पकड़े भी जाते हैं। इसके बावजूद रिश्वत का बाजार गर्म रहता है।
नेता हों या सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रिश्वत लेने में कोई गुरेज नहीं करते। आमतौर पर रिश्वत लेने वाले अधिकारी या कर्मचारी का कहना होता है कि ऊपर तक रिश्वत का हिसाब लिया जाता है। ऊपर तक रिश्वत का हिसाब लेने की बात सही कहते हैं। हर कोई जानता है कि ली गई रिश्वत का हिसाब ऊपर तक देना पड़ता है। ऊपर तक को अगर ध्यान से सोचा जाए तो वह सही कहते हैं। दरअसल किसी मजबूरी में आये इंसान से काम के नाम पर ली गई रिश्वत का हिसाब अपने ऊपर के अधिकारी तक देने की बात कहने वाले यह नहीं जानते कि हिसाब ऊपर वाला ही लेता है।जिसे वह मानते हैं।पर रिश्वत के मामले में उस ऊपर वाले को भूल जाते हैं।
यही बात इस छोटी सी फिल्म में कहने का प्रयास किया गया है। संदेश पहुंचे तो प्रयास सार्थक हो सकता है।