बेंगलुरु। प्रधानमंत्री मोदी जब इसरो मुख्यालय से जाने लगे तो वहाँ एक भावुक नजारा उत्पन्न हो गया। हुआ यूं कि पीएम को देखकर इसरो प्रमुख एकाएक इतने भावुक हो गए कि रो पड़े। तब पीएम ने उन्हें गले लगा लिया और बोले कि चंद्रयान के सफर का आखिरी पड़ाव भले ही आशा के अनुकूल न रहा हो, लेकिन हमें ये भी याद रखना होगा कि चंद्रयान की यात्रा शानदार रही है, जानदार रही है।चंद्रयान-2 से इसरो का संपर्क टूटने के बाद वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए पीएम मोदी शनिवार सुबह बेंगलुरू में स्थित इसरो मुख्यालय पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने इसरो मिशन में शामिल वैज्ञानिकों से कहा कि, “इस चंद्रयान-2 अभियान के असफल होने के बाद भी हमने हौसला नहीं खोया है और हमारा हौसला मजबूत हुआ है।आपको बता दें कि जब पीएम मोदी वहां से निकलने लगे तो इसरो प्रमुख के सिवान उन्हे विदा करने आए। ऐसे पीएम मोदी को देख सिवन भावुक हो गए, जिसपर पीएम मोदी ने उन्हें गले लगा लिया। इस दौरान के सिवन की आंखों से आंसू निकल रहे थे। पीएम मोदी लगातार सिवन की पीठ पर हाथ फेरते जा रहे थे।सिवन को भावुक देख पीएम मोदी भी भावुक हो गए। सिवन काफी देर तक पीएम मोदी के गले लगे रहे, और पीएम मोदी ने भी उन्हें भावुक देख उनकी पीठ थपथपाई और हौसला बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम निश्चित रूप से सफल होंगे। इस मिशन के अगले प्रयास में भी और इसके बाद के हर प्रयास में भी कामयाबी हमारे साथ होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर मुश्किल, हर संघर्ष, हर कठिनाई, हमें कुछ नया सिखाकर जाती है, कुछ नए आविष्कार, नई टेक्नोलॉजी के लिए प्रेरित करती है और इसी से हमारी आगे की सफलता तय होती हैं। ज्ञान का अगर सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वो विज्ञान है। विज्ञान में विफलता नहीं होती, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं। पीएम मोदी बोले, मैं सभी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के परिवार को भी सलाम करता हूं। उनका मौन लेकिन बहुत महत्वपूर्ण समर्थन आपके साथ रहा। हम असफल हो सकते हैं, लेकिन इससे हमारे जोश और ऊर्जा में कमी नहीं आएगी। हम फिर पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ेंगे।