@शब्द दूत ब्यूरो (24 मई 2023)
काशीपुर। एक छोटी फिल्म बड़ा संदेश दे सकती है। आत्मनिर्भर बनने में कई बार समाज ही बाधा खड़ी कर देता है। हालांकि अब परिस्थितियां और समाज की सोच बदल रही है।फिर भी कहीं कहीं हम खुद ही भूल कर बैठते हैं।
कड़वा सच मात्र 59 सेकेंड की एक छोटी सी कार्टून फिल्म है। इस छोटी सी फिल्म के छोटे से कथानक से एक बड़ी सोच का संदेश देने का प्रयास किया गया है। फिल्म में एक काल्पनिक पात्र रमेश ने जब नाई की दुकान खोली तो समाज में उसका क्या प्रभाव पड़ा? इसी बात को दर्शाने की कोशिश की गई है। 59 सेकेंड की इस फिल्म के अंत में फिल्म का उद्देश्य पता चलता है। दरअसल हमें कोई भी काम करते हुए अपनी सोच को बड़ा करना पड़ेगा। आत्मनिर्भर बनने का स्वप्न सही मायने में तभी साकार हो सकेगा।