@शब्द दूत ब्यूरो (21 दिसंबर 2022)
नई दिल्ली। पिछले एक सप्ताह में विश्व में कोरोना के 35 लाख नये केस आने के बाद एक बार फिर कोरोना का खतरा बढ़ गया है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए बैठक बुलाई है।
बता दें कि चीन समेत विश्व के अनेक देशों में कोरोना के मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। जिसे देखते हुए भारत सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। चीन के हालात इस कदर खराब हो गये हैं कि वहाँ अस्पतालों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। रिकार्ड मौतों की वजह से शवों के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को घंटों तक प्रतीक्षा करनी पड़ रही है।
इसी खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना महामारी की समीक्षा को लेकर बैठक बुलाई है। इस बैठक में दुनियाभर में फैल रहे संक्रमण और उसके परिदृश्य को लेकर चर्चा की जाएगी।
समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य, आयुष, फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक राजीव बहल, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पाल और टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह के अध्यक्ष एनएल अरोड़ा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं।
इससे पहले, राज्यों को जीनोम सीक्वेंसिंग में जुटने का निर्देश दिया गया है। सभी राज्यों को केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखी गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि कोरोना के वैरिएंट पर निगरानी रखने के लिए पाजिटिव सैंपल की पूरी जीनोम सीक्वेंसिंग पर पूरा ध्यान दिया जाए। टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-वैक्सीनेशन और कोविड से मुकाबले के लिए उपयुक्त व्यवहार की पांच स्तरीय रणनीति से इस महामारी पर अंकुश लगाने में सफलता मिली है। इसका नतीजा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को साप्ताहिक आधार पर 12 हजार मामलों तक सीमित किया जा सका है, लेकिन दुनिया में इसका खतरा पूरी तरह टला नहीं है।
मंत्रालय की ओर से एक चिट्ठी भी जारी की गई है। चिट्ठी में कोरोना के नए वैरिएंट की चुनौती को लेकर जल्दी जांच, आइसोलेशन, टेस्टिंग और संदिग्ध तथा पाजिटिव मामलों के सही प्रबंधन पर जोर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक मौजूदा वैरिएंट के रुझानों की निगरानी बहुत महत्वपूर्ण है।