@शब्द दूत ब्यूरो (01 नवंबर, 2022)
अभी हाल ही में दर्दनाक गुजरात के मोरबी में दर्दनाक पुल हादसा हुआ जिसमें 134 लोग अपनी जान गंवा बैठे। मृतकों में 40 से ज्यादा बच्चे थे। हादसे के बाद मोरबी में मातम पसरा है। इस सबके मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश में मोरबी की बहादुरी और इंसानियत की मिसालों की भी चर्चा है।
हादसे के वक्त पुल पर 400-500 लोग मौजूद थे। सभी किसी ना किसी तरह के पीड़ित हैं। लेकिन इन पीड़ितों में कुछ लोगों ऐसे भी हैं जिन्होंने कई लोगों की जिंदगी बचा ली। इनमें से एक हैं नईम शेख, जिन्होंने दूसरों की जान बचाने लिए अपनी जान खतरे में डाल दी। पैर चोटिल हो गया। लेकिन फिर भी हिम्मत नहीं हारे और 50 से 60 लोगों को मौत के मुंह से बाहर निकाल ही लाए।
घटना के दौरान नईम शेख खुद भी पुल पर मौजूद थे और हादसे का शिकार हो गए थे। लेकिन उन्हें तैरना आता था, इसलिए नदी से बाहर निकल पाए। उसके बाद उन्होनें लोगों को बचाना शुरू कर दिया। इस समय नईम मोरबी के सिविल हॉस्पिटल में भर्ती हैं।
नईम शेख ने बताया, ‘पुल अचानक ही टूट गया और सब पानी में गिर गए। हादसे ने दिल को झकझोर कर रख दिया था। सब घबरा गए। हाहाकार मच गया। हादसे के वक्त मैं अपने पांच दोस्तों के साथ पुल पर ही मौजूद था। इस घटना में चार दोस्त बच गए लेकिन एक दोस्त की मौत हो गई। मुझे तैरना आता है। मैंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर करीब 50-60 लोगों को नदी से बाहर निकाला। जब मैं लोगों को सुरक्षित स्थान पर ला रहा था, उसी दौरान मुझे चोट लग गई। इसके बावजूद हमने कोशिश जारी रखी।’
नईम शेख ने आगे बताया कि ये घटना उनके जीवन की सबसे दर्दनाक घटना थी। इससे पहले उन्होंने इतना खौफनाक हादसा कभी नहीं देखा था। नईम के मुताबिक उन्होंने बहुत कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद उनकी आंखों के सामने कई बच्चों की मौत हो गई। वे बच्चे जिनकी मां नदी के किनारे उनका इंतजार कर रही थीं।