@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (04 जून , 2022)
कश्मीर में हिंदुओं की टारगेट किलिंग के बीच केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि अल्पसंख्यकों (कश्मीर में गैर मुस्लिम) को कश्मीर घाटी से बाहर नहीं, बल्कि कश्मीर में ही सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया जाएगा। यह निर्णय केंद्र द्वारा कश्मीरी पंडितों की उन मांगों के बीच लिया गया है, जिसमें उन्होंने खुद को कश्मीर से बाहर भेजे जाने की मांग की थी।
वहीं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने नॉर्थ ब्लॉक में कई बैठकों के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ब्रीफिंग करते हुए कश्मीर घाटी में बढ़ती हिंसा के लिए फिर से पाकिस्तान को दोषी ठहराया है।
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “कश्मीर में हिंसा का स्तर बढ़ गया है, लेकिन यह जिहाद नहीं है। यह कुछ हताश तत्वों द्वारा किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि हिंसा के अपराधी पाकिस्तान में सीमा पार बैठे हैं।
अधिकारियों ने गृह मंत्री को यह भी बताया कि कश्मीर घाटी में तालिबान की मौजूदगी का कोई सबूत नहीं है। यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में तालिबान के साथ अपनी भागीदारी शुरू की थी।
इससे पहले दिन में नार्थ ब्लॉक में तीन दौर की बैठक हुई। पहले दौर में, आंतरिक और बाहरी दोनों एजेंसियों के खुफिया प्रमुख इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के प्रमुख सामंत गोयल के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने गृह मंत्री को जारी हिंसा को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी।