@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (08 अप्रैल, 2022)
पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने कार और दुपहिया इस्तेमाल करने वाले लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बारे में गंभीरता से सोचने पर मजबूर किया है। यही वजह है कि बीते एक साल में इलेक्ट्रिक टू व्हीलर के सेगमेंट ने 480 फीसदी की ग्रोथ देखी गई है।
लोग अब जाकर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन एक व्यक्ति ऐसे भी हैं, जो पिछले 16 साल से इलेक्ट्रिक स्कूटर चला रहे हैं और अब उन्होंने खुद के लिए इलेक्ट्रिक कार भी तैयार कर ली है। केरल के रहने वाले 67 साल के एंटनी जॉन बीते कई वर्षों से इलेक्ट्रिक व्हीकल इस्तेमाल करके पेट्रोल-डीजल के खर्चे से खुद को बचा रहे हैं। वह पेशे से करियर कंसल्टेंट हैं और इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स के सपोर्टर हैं।
बात दाम की भी कर लेते हैं, क्योंकि इलेक्ट्रिक कारों के मामले में लोग यहीं हाथ पीछे खींच लेते हैं। पर एंटनी जॉन की कार किफायती है। इसे तैयार करने में उनके चार लाख रुपये खर्च हुए। एंटनी तो दावा करते हैं कि इसका मेंटनेंस ना के बराबर है। कार सिर्फ एक यूनिट करंट इस्तेमाल करती है, जिसका खर्च पांच रुपये है। एंटनी की 33 इंच चौड़ी यह इलेक्ट्रिक कार उन सड़कों से भी गुजर सकती है, जिनसे निकलने में रिक्शे वाले भी किचकिच करते हैं। इसे पार्किंग के लिए भी ज्यादा जगह नहीं चाहिए।
कार में बैटरी के अलावा मोटर और कंट्रोलर है। स्टार्ट होने पर इसका कंटोलर बैटरी से बिजली खींचता है और उसे मोटर तक पहुंचाता है। जिसके बाद एंटनी अपनी कार में 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हैं। अच्छी बात यह है कि एंटनी की कार कानूनी रूप से सड़कों पर दौड़ सकती है। उन्हें इसकी मंजूरी मिली हुई है।
दरअसल इसके पीछे भी एक लॉजिक है। सेंट्रल व्हीकल मोटर रूल 2005 के मुताबिक, 25 किलोमीटर की अधिकतम स्पीड वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल को साइकिल माना जाता है। इसका रजिस्ट्रेशन और टैक्स देने का झंझट नहीं है। एंटनी की कार में डिजिटल मीटर लगा है, जो स्पीड और बैटरी का लेवल बताता है। इससे उन्हें सफर के दौरान सहूलियत मिलती है।
इस कॉम्पैक्ट व्हीकल का नाम ‘पुलकूडू’ रखा गया है, जो एंटनी के घर का भी नाम है। कार में हेडलाइट, फॉग लाइट, इंडिकेटर और फ्रंट व बैक वाइपर भी हैं। एंटनी अब एक ऐसे व्हीकल पर काम कर रहे हैं, जो आम आदमी के लिए और किफायती हो।