@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (06 अप्रैल, 2022)
अपने सपनों को पूरा करने के लिए जो लोग लगातार प्रयास करते रहते हैं, उन्हें अंतत: सफलता मिलती ही है। असम के इस दिहाड़ी मजदूर की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। राजधानी गुवाहाटी के बोरागांव इलाके में रहने वाले दिहाड़ी मजबूर उपेन रॉय का सपना एक टू-व्हीलर खरीदना था। इसके लिए उन्होंने एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये और दस रुपये के सिक्कों को गुल्लक में जमा करना शुरू किया। पैसे जमा करते-करते कई साल तो जरूर लग गए, लेकिन अंतत: वह अपने सपने को पूरा करने में कामयाब हो ही गया।
रॉय अपनी ड्रीम बाइक खरीदने के लिए साल 2014 से गुल्लक में सिक्के जमा कर रहा था। जब उसने गुल्लक के पैसे निकालकर गिना तो वह डेढ़ लाख रुपये जमा कर चुका था। रॉय इसके बाद बाइक खरीदने पत्नी के साथ अपने नजदीकी शोरूम में पहुंचा। इसके बाद उसने 90 हजार रुपये में स्कूटी खरीदकर अपने सालों पुराने सपने को पूरा कर लिया।
टू-व्हीलर शोरूम के डीलर ने बताया, ‘जब शोरूम के ऑनर ने देखा कि एक कस्टमर सिक्कों का जखीरा लेकर टू-व्हीलर खरीदने आया है, तो वे हैरान रह गए। इसके बाद उन्होंने अपने बैंक से संपर्क किया और पूछा कि क्या वे इतने बड़े अमाउंट में सिक्के एक्सेप्ट कर सकते हैं। बैंक ने इससे मना कर दिया। हालांकि शोरूम मालिक इससे निराश नहीं हुए और उन्होंने कुछ वेंडर्स व दुकानदारों से सिक्के एक्सचेंज करने की बात की। शोरूम के चार कर्मचारियों को सिक्के गिनने में करीब दो घंटे लगे। अंतत: रॉय को उनकी ड्रीम बाइक मिल गई और शोरूम ने उन्हें सम्मानित भी किया।’