@नई दिल्ली शब्ददूत ब्यूरो (19 फरवरी 2022)
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुई क्षति के लिए 2019 में सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध शुरू की गई कार्रवाई और रिकवरी नोटिस वापस ले ली है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकान्त की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार करोड़ों रुपये की पूरी राशि वापस करेगी, जो 2019 शुरू की गई कार्रवाई के तहत कथित प्रदर्शनकारियों से वसूली गई थी।
सीएए कानून के खिलाफ हुए प्रोटेस्ट और तोड़फोड़ पर यूपी सरकार का सख्त एक्शन काफी चर्चा में रहा था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर आदेश जारी किए हैं। कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से रिकवर किए गए पैसे को वापस लौटाने को यूपी सरकार से कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आरोपी की संपत्ति को कुर्क करने के लिए कार्रवाई करने में खुद एक “शिकायतकर्ता, निर्णायक और अभियोजक” की तरह काम किया है।
सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति नष्ट करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार भरपाई कानून को 31 अगस्त 2020 को अधिसूचित किया गया था। पीठ ने अतिरिक्त एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि प्रदर्शनकारियों और राज्य सरकार को निधि निर्देशित करने की बजाय दावा अधिकरण का रुख करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट को जानकारी देते हुए यूपी सरकार ने बताया कि संपत्ति नष्ट करने के लिए और सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ जारी 274 नोटिस को 13 और 14 फरवरी को वापस ले लिया गया।