एक आरटीआई के जवाब में अस्पताल के एनेस्थेसियोलॉजी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने उन तकनीकी समस्याओं को बताया, जो मशीनों को क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट के उपयोग के लिए अनुपयुक्त बनाती हैं।
@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (09 नवंबर, 2021)
जम्मू-कश्मीर में पीएम केयर्स फंड के तहत 100 से अधिक वेंटिलेटर ट्रायल के दौरान खराब और “क्रिटिकल केयर के लिए अनुपयुक्त” पाए गए हैं। इन वेंटिलेटर्स की आपूर्ति श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज को की गई थी।
वेंटिलेटर का निर्माण तीन अलग-अलग कंपनियों द्वारा किया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक हर मशीन पर ट्रायल रन नहीं किया जाता है। प्रत्येक कंपनी के लिए गुणवत्ता की जांच के लिए कुछ मशीनों पर परीक्षण किए जाते हैं। सरकार ने कहा कि जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच के आदेश दिए जाएंगे।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत एक प्रश्न के जवाब में पता चला कि मेडिकल कॉलेज को कोरोना महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड के तहत वेंटिलेटर प्राप्त हुए थे। आरटीआई के जवाब में अस्पताल के एनेस्थेसियोलॉजी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने उन तकनीकी समस्याओं को बताया, जो मशीनों को क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट के उपयोग के लिए अनुपयुक्त बनाती हैं।