@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो (23 सितंबर, 2021)
पीएम केयर्स फंड को लेकर पीएमओ ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार या राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है।
पीएमओ के हलफनामे में कहा गया है कि यह फंड भारत सरकार से नहीं, बल्कि चैरिटेबल ट्रस्ट से जुड़ा हुआ है इस कोष में आने वाली राशि भारत सरकार की संचित निधि में नहीं जाती है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ( पीएमओ) ने कहा है पीएम केयर्स फंड को न तो सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे में ‘पब्लिक अथॉरिटी’ के रूप में लाया जा सकता है, और न ही इसे “राज्य” के रूप में सूचीबद्ध किया जा सकता है।
दरअसल इस फंड को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में वकील सम्यक गंगवाल ने एक याचिका दायर की है। मांग की है कि पीएम केयर्स फंड को राज्य का घोषित किया जाए और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इसे आरटीआई के दायरे में लाया जाए।
इस याचिका पर पीएमओ में अवर सचिव प्रदीप श्रीवास्तव ने कोष को लेकर अदालत को जानकारी दी कि ट्रस्ट पूरी पारदर्शिता के साथ काम करता है और इसके फंड का ऑडिट एक ऑडिटर द्वारा किया जाता है। कोष में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस ट्रस्ट को मिले धन और उसका सारा विवरण आधिकारिक वेबसाइट पर डाला जाता है।
उन्होंने याचिका के जवाब में कहा कि ट्रस्ट को जो भी दान मिले वो ऑनलाइन, चेक या फिर डिमांड ड्राफ्ट के जरिए मिले हैं। ट्रस्ट इस फंड के सभी खर्चों का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर अपडेट करता है।