@नई दिल्ली शब्द दूत ब्यूरो
पड़ोसी देश नेपाल का सियासी संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के इस निर्णय के बाद कि किसी पक्ष के पास बहुमत साबित करने का आधार नहीं है, पीएम केपी शर्मा ओली ने कैबिनेट की आपातकाल बैठक बुलाकर प्रतिनिधि सभा भंग की सिफारिश की। राष्ट्रपति ने सिफारिश को मानते हुए प्रतिनिधि सभा को भंग किया और 12 और 19 नवंबर, 2021 को मध्यावधि चुनाव की घोषणा की। तब तक ओली कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे।
इससे पहले नेपाल के विपक्षी दलों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व में नई सरकार बनाने का दावा पेश करने का फैसला किया था। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया।
उन्होंने सीपीएन-यूएमएल के 121, जनता समाजवादी पार्टी के 32 और कुछ अन्य छोटे दलों के समर्थन पत्र के साथ राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात की थी। ओली का दावा था कि वो इन दलों के समर्थन से संसद में बहुमत साबित कर देंगे।