कोरोना महामारी के दौरान बनारस घराने के मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित राजन मिश्र का पिछले माह निधन हो गया था। राजन मिश्र कोरोना संक्रमित थे। कोरोना महामारी के इस दौर में स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी दबाव बढ़ा, ‘पंडितजी’ को समय पर वेंटीलेटर उपलब्ध नहीं हो पाया। समय पर वेंटीलेटर नहीं मिल पाने के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया और देश ने एक दिग्गज शास्त्रीय गायक को खो दिया।
पंडित राजन मिश्र के निधन के बाद उनके प्रति सम्मान दर्शाते हुए बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में खोले गए अस्थाई कोविड अस्पताल को उनका नाम दिया गया है। कोविड अस्पताल के बाहर ही पंडित राजन मिश्र और पीएम मोदी की तस्वीर वाला बोर्ड लगाया गया है और इसमें बड़े अक्षरों में पंडित राजन मिश्र कोविड हॉस्पिटल लिखा गया है।
स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में पंडित राजन मिश्रा की हुई मौत से संगीत जगत में शोक और नाराजगी है। विपक्ष के कई नेताओं ने भी इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा है। कुछ विपक्षी नेताओं ने तो तो यह तक कहा कि कोविड वॉर्ड का नामकरण ‘पंडितजी’ पर करके सरकार अपनी नाकामी को नहीं छुपा सकती। पंडितजी ने देश-विदेश में शास्त्रीय संगीत के मंच पर देश को अलग पहचान दिलाई। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।