नई दिल्ली। अवमानना मामले में प्रशांत भूषण की सज़ा पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के 2020 के मामले में वकील प्रशांत भूषण को सजा सुनाने के मुद्दे पर अटार्नी जनरल से उनकी राय मांगी गई। जिस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि भूषण का ट्वीट यह बताने के लिए था कि ज्यूडिशरी को अपने अंदर सुधार लाने की जरूरत है, इसलिए भूषण को माफ कर देना चाहिए। अटार्नी जनरल ने कहा कि वकील प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ दिए अपने सभी बयान वापस ले लेगें, ऐसे में उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया जाए।
सुनवाई में दिलचस्प बात यह रही कि सुप्रीम कोर्ट भूषण के वकील राजीव धवन से ही पूछ रहा है कि आप सलाह दीजिए कि भूषण को क्या सजा दी जानी चाहिए? धवन ने कहा कि अटार्नी जनरल ने सलाह दी है कि भूषण को चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए। मैं इसके पक्ष में भी नहीं हूं। मेरा कहना है कि सिंपल स्टेटमेंट के साथ भूषण को छोड़ देना चाहिए।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भूषण ने कोर्ट में जो अपना अतिरिक्त बयान दाखिल किया है उसमें उम्मीद थी कि अपने रवैये में भूषण कुछ सुधार करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल को संबोधित करते हुए कहा कि हमने भूषण को मौका दिया था। गलती हमेशा गलती होती है और संबंधित व्यक्ति को यह महसूस होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि दुनिया में कोई भी पूर्ण नहीं है। गलती सब से होती है, लेकिन गलती करने वाले को इसका एहसास तो होना चाहिए। हमने उनको अवसर दिया, लेकिन उन्होंने कहा कि माफी नहीं मांगना चाहते।