@विनोद भगत
काशीपुर । आमतौर पर किसी भी फिल्म या सीरियल में सबसे पहले लिखा दिखाई देता है कि इस फिल्म में दिखाये गये सभी पात्र व घटनायें काल्पनिक हैं इनका किसी वास्तविक घटना या व्यक्ति से संबंध नहीं है।
लेकिन उत्तराखंड में बनी एक फिल्म ने एक राजनीतिक घटनाक्रम से पहले ही वह सब कुछ दिखा दिया जो बाद में घटा। हालांकि फिल्म में तो उत्तराखंड के पर्दे के मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार गिरने से बचा ली थी। लेकिन ठीक वैसे ही घटनाक्रम के चलते तत्कालीन हरीश रावत सरकार गिर गयी।
फिल्म को देखकर स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा था कि अगर यह फिल्म पहले देख लेता तो काफी कुछ सीखता। हालांकि सीख नहीं पाये और हरीश रावत की सरकार गिर गयी।
हम बात कर रहे हैं मनीष वर्मा होम एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी फिल्म “हैलो यू के” की। इस फिल्म में पर्दले पर मुख्यमंत्री का पात्र निभा रहे मनीष वर्मा से जब एक मंत्री महोदय कहते हैं कि मेरे हर समर्थक विधायक को 25- 25 करोड़ रुपये दो और महत्वपूर्ण पदों पर बिठाओ। तब इस फिल्म का एक रोचक मोड़ आता है। फिल्मी मुख्यमंत्री जब सौदा करने वाले मंत्री महोदय के कच्चे चिट्ठों की फाइल उनके सामने रखते हैं तो मंत्री जी मुख्यमंत्री के पैरों पर लोटने लगते हैं।
हैलो यू के फिल्म का यह सीन आधुनिक राजनीतिक दांव पेंच का सटीक चित्रण करता है। राजनीति में पदलोलुपता कहाँ तक हावी हो सकती है। फिल्मकार ने यही दर्शाने का प्रयास किया है इस फिल्म में।
साथ ही फिल्म में किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को यह भी संदेश दिया है कि सलाहकारों का चयन सोच समझ कर ही किया जाये। चाहें वह पूर्व मुख्यमंत्री हों या वर्तमान।