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बड़ी खबर : यस बैंक का निदेशक मंडल भंग, 50,000 रुपये तक ही निकाल पायेंगे ग्राहक

 @शब्द दूत ब्यूरो 

नई दिल्ली।  रिजर्व बैंक ने यस बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदियां भी लगा दी हैं। सााथ ही अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है। बड़ी बात यह है कि नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक नियुक्त किया गया है।

रिजर्व बैंक ने देर शाम जारी एक बयान में कहा यस बैंक का निदेशक मंडल भंग कर दिया गया है। तथाइइसका नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गई है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।

बता दें कि  नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक को बचाने के लिए सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को आगे किया है। उधर सरकार ने यस बैंक में शेयर खरीदने की एसबीआई की योजना को मंजूर कर लिया है। हालांकि अभी इसका आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसकी घोषणा की जा सकती है।

 सूत्रों के मुताबिक यस बैंक में हिस्सेदारी खरीदने वाले कंसोर्शियम को एसबीआई लीड करेगा। वहीं कुछ रिपोर्ट की मानें तो एसबीआई और एलआईसी मिलकर यस बैंक की 49% हिस्सेदारी 490 करोड़ रुपए में खरीदसकतेहैं। इन खबरों से एनएसई पर यस बैंक के शेयर में 27% उछाल आया। दूसरी ओर एसबीआई के शेयर में 5% गिरावट आ गई। 

 दरअसल ज्यादा एन पी ए होने के कारण यस बैंक पर संकट आया है।  बैंक पूंजी जुटाने की कोशिशों में जुटा है। 2004 में शुरू हुए यस बैंक के पास पिछले साल जून तक 3,71,160 करोड़ रुपए की संपत्तियां थीं।  करीब 40 अरब डॉलर (2.85 लाख करोड़ रुपए) की बैलेंस शीट के साथ यह एक अहम बैंक है। इसका विफल होना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं होगा। 

यस बैंक को जुलाई-सितंबर तिमाही में 629 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। बैंक ने दिसंबर तिमाही के नतीजों को भी टाल दिया था।  और कहा था कि 14 मार्च तक नतीजे जारी किए जाएंगे।  यस बैंक पिछले एक वर्ष से ज्यादा समय से मुश्किलों से जूझ रहा है। इस बैंक के सीईओ राणा कपूर जो कि सह संस्थापकों में थे उनका आरबीआई ने 2018 में कार्यकाल घटा दिया था। और कपूर की जगह सीईओ बने रवनीत गिल के लिए पूंजी जुटाना प्राथमिकता है। नियमों के मुताबिक न्यूनतम पूंजी अनुपात को बढ़ाने के लिए यस बैंक रकम जुटाना चाहता है। बैंक प्रबंधन ने सितंबर 2019 में 14,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना के बारे में बताया था। बैंक के शेयर का प्राइस अगस्त 2018 में 400 रुपए था, अभी 37.20रुपए है। बैंक का मार्केट कैप 9,398.49 करोड़ रुपए है। प्रमोटर शेयरहोल्डिंग दिसंबर 2019 में घटकर 8.33% रह गई। ये शेयर मधु कपूर, यस कैपिटल और मैग्स फिनवेस्ट के पास हैं। को-फाउंडर राणा कपूर अपने पूरे शेयर बेच चुके हैं। अगस्त 2019 में यस बैंक में प्रमोटर शेयरहोल्डिंग 17.97% थी।

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