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सुषमा स्वराज के नाम पर भारतीय राजनीति में कई रिकॉर्ड बने, एक विलक्षण नेता के रूप में ख्याति प्राप्त की

  नई दिल्ली। भारतीय राजनीति का एक दैदीप्यमान सितारा अस्त हो गया। किडनी की बीमारी से पीड़ित पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर यही कहा जा सकता है।  सुषमा स्वराज के नाम कई कीर्तिमान हैं, जिसे अब देश याद करेगा।1977 में जब वह 25 साल की थीं, तब वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं।वह 1977 से 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे 8 मंत्रालय मिले थे। जिसके बाद 27 साल की उम्र में 1979 में वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी थीं।

सुषमा स्वराज के नाम ही राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता होने का गौरव प्राप्त था।इसके अलावा सुषमा स्वराज पहली महिला मुख्यमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विपक्ष की पहली महिला नेता थीं।

इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था। बीते चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं।सुषमा सात बार सांसद रह चुकी थीं।

जवाहरलाल नेहरू और अटलबिहारी वाजपेयी की परंपरा की नेता सुषमा स्वराज का बीती रात 67 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। सुषमा स्वराज भारत की उन विलक्षण राजनेताओं में से एक थीं जो कभी भी विवादित नहीं रहीं।

विदेश मंत्री के तौर पर यू एन में दिया गया उनका भाषण काफी चर्चित रहा था जिसमें उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद भारत ने तमाम विकास योजनाओं शिक्षा स्वास्थ्य तकनीक जैसे क्षेत्रों में आशातीत   प्रगति की थी। जिस वजह से विश्व में भारत की साख बढ़ी थी।हालांकि उनका यह भाषण इस मामले में चर्चित रहा था जब देश में यह कहा जा रहा था कि आजादी के 70 सालों में देश में कुछ नहीं हुआ। उनका यह भाषण उनकी अपनी पार्टी लाइन से हटकर था।

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